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Sambhal Violence: यूपी के संभल जिले में मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में तीन की मौत, अखिलेश ने सीएम योगी पर लगाए आरोप

Sambhal Violence: रविवार को उत्तर प्रदेश के संभल जिले में तनाव उस समय बढ़ गया जब अदालत के आदेश पर मुगलकालीन जामा मस्जिद का दूसरा सर्वेक्षण किया जा रहा था। इस मस्जिद को लेकर दावा किया गया है कि इसे...
05:05 PM Nov 24, 2024 IST | Ritu Shaw

Sambhal Violence: रविवार को उत्तर प्रदेश के संभल जिले में तनाव उस समय बढ़ गया जब अदालत के आदेश पर मुगलकालीन जामा मस्जिद का दूसरा सर्वेक्षण किया जा रहा था। इस मस्जिद को लेकर दावा किया गया है कि इसे प्राचीन हरिहर मंदिर की जगह पर बनाया गया था। सर्वे के दौरान हुई झड़पों में स्थानीय लोगों ने पथराव किया, जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और हल्का बल प्रयोग किया। हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और दस लोगों को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस कार्रवाई और जांच

मुरादाबाद मंडलायुक्त ने पुष्टि की कि हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई। संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि हिंसा के दौरान भीड़ में मौजूद कुछ उपद्रवियों ने पुलिस टीम पर पथराव किया। उन्होंने कहा कि “स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल और आंसू गैस का उपयोग किया गया। पथराव करने वालों और उन्हें भड़काने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।” जिला अधिकारी राजेंद्र पेसिया ने कहा, “कुछ उपद्रवियों ने पथराव किया, लेकिन अब स्थिति शांतिपूर्ण है और सर्वेक्षण जारी है।”

सर्वेक्षण का कारण और विवाद

यह सर्वेक्षण स्थानीय अदालत के आदेश पर वकील विष्णु शंकर जैन की याचिका के बाद किया जा रहा था। याचिका में दावा किया गया था कि यह मस्जिद 1529 में मुगल बादशाह बाबर द्वारा हरिहर मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। अदालत ने साइट की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वेक्षण के लिए एडवोकेट कमीशन को निर्देश दिया।

हालांकि, समाजवादी पार्टी के सांसद ज़िया उर रहमान बर्क ने 1991 के प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट का हवाला देते हुए सर्वेक्षण का विरोध किया। उन्होंने कहा, “संभल की जामा मस्जिद ऐतिहासिक और बहुत पुरानी है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सभी धार्मिक स्थलों की स्थिति 1947 के अनुसार ही रहेगी।”

समाजवादी पार्टी का आरोप

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना को राजनीतिक साजिश करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी और प्रशासन ने हाल ही के उपचुनावों में गड़बड़ियों से ध्यान हटाने के लिए हिंसा को बढ़ावा दिया। यादव ने सवाल उठाया कि दूसरे सर्वेक्षण की आवश्यकता क्यों पड़ी।

उन्होंने कहा, “यह एक सोची-समझी साजिश थी ताकि चुनावी गड़बड़ियों पर चर्चा न हो सके। मतदान के दिन हमारे बूथ एजेंटों को हटाया गया और समर्थकों को वोट डालने से रोका गया। अगर लोगों को वोट डालने से रोका गया, तो फिर वोट किसने डाले?”

स्थिति नियंत्रण में: यूपी पुलिस

उत्तर प्रदेश पुलिस प्रमुख प्रशांत कुमार ने कहा कि संभल की स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है। उन्होंने कहा, “हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं। सभी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर हैं। उपद्रवी तत्वों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।” अगली सुनवाई 29 जनवरी को निर्धारित है।

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