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Sambhal Violence: सपा सांसद जिया उर रहमान ने पर खुद पर झूठे केस का किया दावा, सपा सांसद ने पुलिस को ठहराया जिम्मेदार

Sambhal Violence: समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क, जिनका नाम मस्जिद सर्वे के दौरान सम्भल में हुए कथित पथराव को "उकसाने" के आरोप में दर्ज एफआईआर में शामिल किया गया है, उन्होंने दावा किया है कि घटना के...
03:58 PM Nov 25, 2024 IST | Ritu Shaw

Sambhal Violence: समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क, जिनका नाम मस्जिद सर्वे के दौरान सम्भल में हुए कथित पथराव को "उकसाने" के आरोप में दर्ज एफआईआर में शामिल किया गया है, उन्होंने दावा किया है कि घटना के समय वह राज्य से बाहर थे। उन्होंने इस मामले को "झूठा" बताया है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सम्भल से सांसद बर्क ने कहा, "कल मैं न तो सम्भल में था और न ही राज्य में। मैं बेंगलुरु में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में गया था, लेकिन मेरे खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया। यह पुलिस प्रशासन की साजिश है।" बर्क ने यह भी कहा कि इस घटना ने उत्तर प्रदेश और पूरे देश की छवि को धूमिल किया है।

सांसद जिया उर रहमान बर्क ने उठाए सवाल

सांसद ने यह सवाल उठाया कि जब लोग अधिकारियों के सर्वे करने की जानकारी से अनजान थे, तो वे उन पर पत्थर कैसे फेंक सकते हैं। उन्होंने पुलिस पर "निर्दोष" लोगों को मारने के लिए हथियारों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। "साजिश के तहत उन्होंने हथियारों का इस्तेमाल किया, हमारे 5 निर्दोष लोगों की हत्या की, कई अन्य घायल हुए हैं, और झूठा मामला दर्ज किया गया है। मैं चाहता हूं कि इन अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए और उन्हें जेल में डाला जाए"।

अखिलेश यादव ने अधिकारियों को दोषी ठहराया

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सांसद के दावे को दोहराया। उन्होंने कहा, "हमारे सांसद जिया उर रहमान सम्भल में मौजूद ही नहीं थे, फिर भी उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।... यह सरकार द्वारा किया गया दंगा है।"
यादव ने दावा किया कि 24 नवंबर को जब सर्किल ऑफिसर ने दूसरे सर्वे की जरूरत के बारे में समझाने से इनकार किया और "गलत भाषा" का इस्तेमाल किया, तो लोगों ने पत्थर फेंके।

"इसके बदले में, पुलिस कांस्टेबल से लेकर अधिकारी तक सभी ने अपने आधिकारिक और निजी हथियारों से गोलियां चलाईं। जिसका वीडियो रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध है। इस वजह से कई लोग घायल हुए और 5 निर्दोष लोगों की मौत हो गई। माहौल खराब करने के लिए याचिका दाखिल करने वाले लोग और पुलिस व प्रशासन जिम्मेदार हैं।" इसी के साथ अखिलनेश यादव ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की।

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