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Russia Ukraine Sangam: महाकुंभ में रूस और यूक्रेन का संगम, दोनों देशों के संतों ने साझा किया प्रेम और शांति का मंच

Russia Ukraine Sangam: रूस और यूक्रेन के बीच 1,000 दिनों से चल रहे भीषण युद्ध के बावजूद, आध्यात्मिकता ने एकता और शांति का अद्भुत उदाहरण पेश किया है। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में रूस की आनंद लीलामाता और यूक्रेन...
02:39 PM Jan 23, 2025 IST | Ritu Shaw

Russia Ukraine Sangam: रूस और यूक्रेन के बीच 1,000 दिनों से चल रहे भीषण युद्ध के बावजूद, आध्यात्मिकता ने एकता और शांति का अद्भुत उदाहरण पेश किया है। प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में रूस की आनंद लीलामाता और यूक्रेन के स्वामी विष्णुदेवानंद गिरिजी महाराज (Russia Ukraine Sangam) एक ही मंच से प्रेम, शांति और करुणा का संदेश दे रहे हैं।

पायलट बाबा के सेक्टर-18 शिविर में ये दोनों संत रोजाना प्रवचन देते हैं, जहां दुनिया भर से आए भक्त उनकी शिक्षाओं को सुनने इकट्ठा होते हैं। इस शिविर में 70 से अधिक रूसी और यूक्रेनी साधक एक साथ रह रहे हैं और 100 और साधकों के आने की उम्मीद है। उनके प्रवचनों में पारंपरिक प्रार्थनाएं, दैनिक जीवन में आध्यात्मिकता के उपयोग और शांति के महत्व पर जोर दिया जाता है।

विश्व शांति के लिए विशेष प्रार्थना

खार्किव, यूक्रेन के निवासी और अब जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी विष्णुदेवानंद गिरिजी महाराज ने कहा, "मेरे विश्व शांति के संदेश को दो शब्दों में व्यक्त किया जा सकता है: 'लोक संग्रह' और 'अरु पड्डाई'। हमें 'लोकः समस्ताः सुखिनो भवन्तु' मंत्र को याद रखना चाहिए, जो सभी जीवों की खुशी और भलाई की कामना करता है। जब समाज में सतोगुण ऊर्जा फैलती है, तो दुनिया में सकारात्मक बदलाव होता है और सतयुग का आगमन होता है।"

वहीं, निझनी नोवगोरोड, रूस की आनंद लीलामाता ने बताया कि यह उनका पांचवां कुंभ मेला है। उन्होंने कहा, "2010 में, मैंने महामंडलेश्वर का दर्जा स्वीकार किया और तब से मैं हर कुंभ मेले में भाग ले रही हूं। यह अवसर न केवल साधुओं की संस्कृति में डूबने का है, बल्कि शांति का संदेश फैलाने का भी है। यहां हजारों लोग अपनी कर्म और चेतना को शुद्ध करने आते हैं।"

आध्यात्मिकता से राष्ट्रीयता के बंधन टूटते हैं

आनंद लीलामाता ने कहा, "जब रूस और यूक्रेन के लोग एक साथ बैठकर सद्भाव से जुड़ते हैं, तो यह दर्शाता है कि आध्यात्मिकता कैसे राष्ट्रीय पहचान से परे जाकर लोगों को एकजुट कर सकती है।" दोनों संत कुंभ मेले में विशेष प्रार्थनाएं करते हैं, जो युद्धग्रस्त राष्ट्रों के लिए शांति और उपचार का आह्वान करती हैं। उनका संदेश, विशेष रूप से रूस-यूक्रेन संघर्ष को देखते हुए, बेहद प्रासंगिक है, जो दोनों पक्षों पर भारी जनहानि और विनाश का कारण बना है।

संदेश का प्रभाव

कुंभ मेले में इनके प्रवचन दुनिया को यह संदेश देते हैं कि आध्यात्मिकता सीमाओं से परे है और यह प्रेम, शांति और सहानुभूति के माध्यम से एक नई शुरुआत का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।

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