राजस्थानराजनीतिनेशनलअपराधकाम री बातम्हारी जिंदगीधरम-करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बात

भारत की शान 'सोणो राजस्थान' दिल्ली में बिखरेगी आभा...क्यों है ये झांकी आकर्षण का केंद्र

दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला प्रांगण में 26 से 31 जनवरी तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव में राजस्थान की झांकी 'सोणो राजस्थान' एक आकर्षण का केंद्र बनकर उभरेगी।
08:30 AM Jan 26, 2025 IST | Rajesh Singhal

Republic Day 2025: भारत पर्व-2025 में राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर एक नई चमक के साथ प्रदर्शित होगी। दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला प्रांगण में 26 से 31 जनवरी तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव में राजस्थान की झांकी 'सोणो राजस्थान' एक आकर्षण का केंद्र बनकर उभरेगी। इस झांकी में राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत (Republic Day 2025)और विकास कार्यों का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया जाएगा, जो हर दर्शक को मंत्रमुग्ध कर देगा।

हालाँकि, 'सोणो राजस्थान' को इस बार गणतंत्र दिवस परेड की झांकियों में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन भारत पर्व में यह झांकी राजस्थान के गौरव और सांस्कृतिक समृद्धि का शानदार परिचय कराने के लिए पूरी तरह तैयार है।

 राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर का अद्भुत प्रदर्शन

भारत पर्व-2025 में राजस्थान की झांकी 'सोणो राजस्थान' एक नई परिभाषा देने जा रही है, जो राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, स्थापत्य परंपरा और हस्तशिल्प को एक अद्वितीय तरीके से प्रदर्शित करेगी। राजस्थान ललित कला अकादमी के नोडल अधिकारी, डॉ. रजनीश हर्ष के अनुसार, यह झांकी राजस्थान की आंतरिक विविधताओं और उत्सवधर्मी संस्कृति को दर्शाते हुए देश-विदेश के दर्शकों को आकर्षित करेगी। प्रसिद्ध कलाकार हरशिव शर्मा द्वारा तैयार की गई झांकी का डिज़ाइन अपने आप में एक कला का अद्भुत उदाहरण है।

तीज पर्व...शेखावाटी की विरासत को जीवित करती झांकी

झांकी के अग्रभाग में तीज पर्व की भव्य सवारी को दर्शाया गया है, जो राजस्थान की पारंपरिक उत्सवधर्मिता और महिलाओं की शक्ति का प्रतीक है। वहीं, झांकी के पिछले हिस्से में शेखावाटी की प्राचीन हवेलियों की समृद्ध विरासत को जीवित किया गया है, जहां भित्ति चित्रों और म्यूरल डिजाइनों के माध्यम से इतिहास की अनकही कहानियां सामने आएंगी।

विकसित राजस्थान की झलक...जल संरक्षण और सौर ऊर्जा के प्रयास

'सोणो राजस्थान' झांकी न केवल राज्य की सांस्कृतिक विरासत, बल्कि राजस्थान सरकार के आधुनिक विकास कार्यों को भी प्रस्तुत करेगी। झांकी में जल संरक्षण और सौर ऊर्जा पर किए गए प्रयासों को खासतौर पर शामिल किया गया है, जो राज्य के सतत विकास की दिशा में अहम कदम हैं। यह झांकी राजस्थान के पर्यटन विभाग द्वारा हवेलियों को संग्रहालय में बदलने के अद्भुत प्रयासों को भी प्रदर्शित करती है, जिससे राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित किया जा रहा है।

कलाकारों का संगठित प्रयास...निर्माण की विशेषता

इस अद्भुत झांकी को राज्य के कला और संस्कृति विभाग के शासन सचिव रवि जैन, उप शासन सचिव बृज मोहन नोगिया और जयपुर संभागीय आयुक्त रश्मि गुप्ता के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है। इस झांकी के निर्माण में हरशिव शर्मा, विनय शर्मा, समुद्र सिंह और प्रीति सोलंकी जैसे कलाकारों ने शानदार योगदान दिया है, जिन्होंने राजस्थान की सांस्कृतिक गाथाओं को जीवंत किया।

भारत पर्व-2025 में राजस्थान की झांकी का विशेष महत्व

भारत पर्व-2025, जो दिल्ली में 26 से 31 जनवरी तक आयोजित हो रहा है, में राजस्थान की 'सोणो राजस्थान' झांकी खास आकर्षण का केंद्र बनकर उभरेगी। यह महोत्सव भारत की विविध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने का बेहतरीन मंच है और राजस्थान की यह झांकी, भारत की सांस्कृतिक विविधता को दिखाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। झांकी में राज्य की पहचान, गौरव और विकास की कहानी दर्शकों के समक्ष पेश की जाएगी, जो एक नई दिशा की ओर इशारा करती है।

Tags :
Rajasthan Cultural HeritageRajasthan IdentityRepublic Day 2025Republic Day 2025 Program RajasthanShekhawati Havelisगणतंत्र दिवस 2025गणतंत्र दिवस परेड 2025गणतंत्र दिवस परेड झांकीगणतंत्र दिवस परेड पासभारत पर्व राजस्थान झांकीराजस्थान की पहचानराजस्थान झांकीराजस्थान झांकी गणतंत्र दिवस 2025राजस्थान संस्कृतिराजस्थान सांस्कृतिक धरोहरशेखावाटी हवेलियां
Next Article