Proba-3 Mission Delay: तकनीकी खराबी के कारण ISRO ने टाली प्रोबा-3 लॉन्च की लॉन्चिंग, अब 5 दिसंबर को होगा लॉन्च
Proba-3 Mission Delay: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने PSLV-C59 रॉकेट के जरिए प्रस्तावित प्रोबा-3 मिशन के लॉन्च को एक तकनीकी गड़बड़ी के कारण पुनर्निर्धारित कर दिया है। पहले यह लॉन्च 4 दिसंबर 2024 को शाम 4:06 बजे IST पर होना तय था। लेकिन अब इसे 5 दिसंबर 2024 को शाम 4:12 बजे IST पर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया जाएगा।
प्रोबा-3 का मिशन
प्रोबा-3 मिशन एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सहयोग है, जिसमें भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) मिलकर काम कर रहे हैं। इस मिशन का उद्देश्य दो उपग्रहों, कोरोनाग्राफ स्पेसक्राफ्ट (CSC) और ऑक्ल्टर स्पेसक्राफ्ट (OSC), के माध्यम से उन्नत फॉर्मेशन-फ्लाइंग तकनीक का प्रदर्शन करना है।
ये दोनों उपग्रह मिलकर एक सौर कोरोनाग्राफ का निर्माण करेंगे, जिससे वैज्ञानिक सूर्य के हल्के कोरोना का अध्ययन कर सकेंगे, जबकि सूर्य की चमकदार डिस्क से कोई बाधा नहीं होगी।
तकनीकी समस्या
ISRO ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि प्रोबा-3 मिशन में किस प्रकार की तकनीकी समस्या पाई गई है। PSLV-C59 रॉकेट अपनी विश्वसनीयता और बहुमुखी उपयोगिता के लिए जाना जाता है, जो इस मिशन के लिए उपयुक्त विकल्प है। प्रोबा-3 उपग्रहों को एक अत्यधिक अण्डाकार कक्षा में स्थापित किया जाएगा, जो 60,530 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंचेगी और न्यूनतम 600 किलोमीटर की ऊंचाई तक नीचे आएगी। यह अनूठा विन्यास सौर घटनाओं का विस्तारित अवलोकन सक्षम करेगा, जिसमें लगातार छह घंटे तक अध्ययन संभव होगा।
यह मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग में एक मील का पत्थर साबित होगा और ISRO की इंजीनियरिंग क्षमताओं को उजागर करेगा। प्रोबा-3 मिशन भारत की वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण प्रयासों में बढ़ती भूमिका को भी रेखांकित करता है। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल सौर गतिविधियों की हमारी समझ को बढ़ाना है, बल्कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अनुसंधान में भविष्य की प्रगति के लिए मंच तैयार करना भी है।
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