• ftr-facebook
  • ftr-instagram
  • ftr-instagram
search-icon-img

Prayagraj Mahakumbh: महाकुंभ में फेमस होना पड़ा भारी, सोशल मीडिया की चमक के चलते छोड़ना पड़ा कुंभ

Prayagraj Mahakumbh: प्रयागराज महाकुंभ, जहां आस्था और श्रद्धा का संगम होता है, इस बार सोशल मीडिया पर अपनी खास पहचान बना चुके कुछ चेहरों के कारण सुर्खियों में रहा। लेकिन अब ये चर्चित चेहरे महाकुंभ छोड़ चुके हैं। इनमें तीन...
featured-img

Prayagraj Mahakumbh: प्रयागराज महाकुंभ, जहां आस्था और श्रद्धा का संगम होता है, इस बार सोशल मीडिया पर अपनी खास पहचान बना चुके कुछ चेहरों के कारण सुर्खियों में रहा। लेकिन अब ये चर्चित चेहरे महाकुंभ छोड़ चुके हैं। इनमें तीन नाम विशेष रूप से सामने आए हैं—हर्षा रिछारिया, मोनालिसा और IITian बाबा के नाम से प्रसिद्ध अभय सिंह।

हर्षा रिछारिया: विवादों में सबसे सुंदर साध्वी

महाकुंभ की शुरुआत से ही हर्षा रिछारिया सोशल मीडिया पर छाई रहीं और उन्हें "सबसे सुंदर साध्वी" का टैग दिया गया। लेकिन उनकी मौजूदगी को लेकर विवाद तब बढ़ गया जब वह निरंजनी अखाड़े के रथ पर बैठी नजर आईं। कुछ संतों ने उनके भगवा वस्त्र धारण करने और रथ पर बैठने को लेकर आपत्ति जताई। विवाद इतना बढ़ा कि हर्षा ने फूट-फूटकर रोते हुए महाकुंभ छोड़ने का ऐलान कर दिया।

हर्षा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो पोस्ट कर कहा, "मैं धर्म को समझने और सनातन संस्कृति को जानने के लिए आई थी, लेकिन मुझे इतना भी नहीं छोड़ा गया कि मैं पूरे कुंभ में रह सकूं। आपने मेरे जीवन की एक अनमोल यात्रा छीन ली।"

मोनालिसा: खूबसूरती बनी परेशानी की वजह

इंदौर की रहने वाली मोनालिसा फूल-माला बेचने के लिए महाकुंभ आई थीं। लेकिन उनकी खूबसूरती ने उन्हें सोशल मीडिया पर खासा चर्चित कर दिया। लोग उनकी तुलना बड़े-बड़े कलाकारों से करने लगे। उनकी आंखों और चेहरे की तारीफों के वीडियो वायरल होने लगे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस अचानक मिली लोकप्रियता ने उनकी निजी जिंदगी को मुश्किल में डाल दिया। उनकी बहन ने बताया, "लोग माला नहीं खरीदते थे, बल्कि छुपकर वीडियो बनाते थे। इसी परेशानी के चलते उनके पिता ने उन्हें वापस घर बुला लिया।"

IITian बाबा: अनुशासनहीनता के आरोप में रोक

IIT बॉम्बे से पढ़ाई कर चुके अभय सिंह, जो IITian बाबा के नाम से प्रसिद्ध हैं, पर जूना अखाड़ा ने सख्ती दिखाते हुए महाकुंभ के शिविरों में आने-जाने पर रोक लगा दी। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने गुरु के प्रति अपशब्दों का प्रयोग किया था। जूना अखाड़े के अनुसार, "सन्यास का मार्ग अनुशासन और गुरु के प्रति समर्पण मांगता है। इसका पालन न करने वाला व्यक्ति संन्यासी नहीं बन सकता।"

महाकुंभ की छवि पर विवादों का असर

प्रयागराज महाकुंभ जहां आध्यात्मिक शांति और धर्म के प्रति समर्पण का प्रतीक है। वहीं इन विवादों ने इसकी पवित्रता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर इन चर्चित चेहरों की कहानियां तेजी से वायरल हो रही हैं, जो यह दिखाता है कि आज आस्था और आधुनिकता के बीच एक अलग ही संघर्ष चल रहा है।

यह भी पढ़ें: Mann Ki Baat: संविधान सभा के विचारों से प्रेरणा लें, पीएम ने 'मन की बात' में किया आह्वान

.

tlbr_img1 होम tlbr_img2 शॉर्ट्स tlbr_img3 वेब स्टोरीज़ tlbr_img4 वीडियो