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"सनातन के लिए ये सबसे बड़ा गौरव..." महामंडलेश्वर सरजू दास ने बताया संगम नहीं आ पाएं वो कैसे लें पुण्य का लाभ?

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में महामंडलेश्वर सरजू दास महाराज से हुई खास बातचीत में उन्होंने कुंभ के महत्व पर प्रकाश डाला.
01:12 PM Jan 27, 2025 IST | Rajasthan First

Prayagraj Mahakumbh 2025: संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ (Mahakumbh 2025) में शामिल होने देश और दुनिया के कोने-कोने से साधु-महात्मा और प्रबुद्ध लोग पहुंच रहे हैं. वहीं दुनियाभर से अभी तक करोड़ों लोगों ने कुंभ में स्नान का सौभाग्य हासिल किया है. हिंद फर्स्ट की टीम लगातार ग्राउंड जीरो पर सनातन से संवाद कार्यक्रम के जरिए महाकुंभ के हर रंग आप तक पहुंचा रही है.

इसी कड़ी में महाकुंभ में पधारे महामंडलेश्वर सरजू दास महाराज ने हिन्द फर्स्ट (Hind First) से खास बातचीत में महाकुंभ के महत्व, सनातन की भव्यता जैसे विषयों में विस्तार से समझाया और भावी पीढ़ी के लिए खास संदेश दिया है.

महामंडलेश्वर सरजू दास महाराज ने कहा कि यह महाकुंभ, दिव्य और भव्य है, संस्कृति और संस्कारों का यह महाकुंभ है, धर्म गुरुओं का महाकुंभ है जिसमें संसार के हर तबके से लोग पहुंच रहे है जहां कण-कण में पुण्य प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त है.

महाकुंभ में नहीं आने वालों के लिए खास संदेश

प्रयागराज में लगे महाकुंभ को लेकर कहा जाता है कि यहां आकर मिट्टी माथे पर लगा लो और एक डुबकी संगम में लगा लो तो सारे पाप धुल जाते हैं लेकिन कुछ लोग हैं जो महाकुंभ में नहीं पहुंच पाते हैं. ऐसे में जो किन्हीं कारणवश में महाकुंभ में नहीं आ पाएं हैं उनके लिए महामंडलेश्वर सरजू दास महाराज ने अचूक उपाय बताया है.

महाराज जी ने खास बातचीत में कहा कि यह महाकुंभ, दिव्य और भव्य है, संस्कृति और संस्कारों का यह महाकुंभ है, धर्म गुरुओं का महाकुंभ है, अगर किसी परिवार से कोई नहीं आ पा रहा है तो उनका उत्साह बढ़ाने मात्र से भी आपको आशीर्वाद मिल जाएगा.

उन्होंने बताया कि अगर उनका आप उत्साह बढ़ाते हैं कि आप प्रयागराज जाइए, संतों के दर्शन करिए, गुरुजनों के दर्शन करिए और अखाड़ों को दर्शन करिए और वहां नहाइए, शाही स्नान करिए, वहां त्रिवेणी स्नान करिए और हनुमान जी के दर्शन करिए तो आपको आशीर्वाद मांगने की ज़रूरत नहीं है, आपके मन में ही भगवान ठाकुर जी, राम जी आपको आशीर्वाद दे देंगे.

"सनातन ने बड़ा कोई गौरव नहीं"

महाराज ने आगे कहा कि सनातन धर्म की जहां तक बात है महाकुंभ सबसे बड़ा पर्व है, अगर दीवाली से भी बड़ा कहा जाए तो यह महाकुंभ उससे भी बड़ा है. यहां इस पर्व में हर कोई आ रहा है, साधु-संतों के जो आशीर्वाद मिल रहे हैं, ये सनातन, सनातनी के लिए और एक हिन्दू के लिए गौरवशाली बात है.

वहीं सरजूदास ने बताया कि इस बार मेरे राम जी आ गए हैं, इसलिए महाकुंभ और खास हो गया है. हमने 2019 में जो महाकुंभ किया था, उसमें मेरे राम जी टैंट में थे मगर मेरे राम जी अब अपने महल में आ गए हैं और आज वहां दीप और बबूल की हर दिन पूजा हो रही है.

"भक्तों में लगातार बढ़ रही है ऊर्जा"

वहीं सैकड़ों की तादाद में भक्त संगम आ रहे हैं, कई किलोमीटर की पदयात्रा करके आ रहे हैं लेकिन उनमें ऊर्जा औप जोश का भाव खत्म नहीं हो रहा है इसके पीछे वजह पर सरजूदाज जी महाराज कहते हैं यहां के वातावरण में ही एक ऊर्जा है, संगम में डुबकी लगाने से उत्साह का संचार होता है, जिसके बाद हर कोई जिसको भी मिलते हैं वो हल्का सा महसूस होता है.

महाराज ने बताया कि ये सनातन है, जिसकी संस्कृति और आने वाली पीढ़ी को यह महाकुंभ एक नेत्र देगा जिससे पता चलेगा कि हम सब वैष्णव संत, दिगंबर, निर्मोही, निर्वाणी अखाड़े कैसे थे, हमारी संस्कृति और इतिहास कितना गौरवशाली था.

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