Prashant Kishore Ends Fast: प्रशांत किशोर ने तोड़ा अनशन, BPSC परीक्षा रद्द कराने की मांग पर कायम
Prashant Kishore Ends Fast: जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने पटना के LCT घाट स्थित जनसुराज आश्रम में 14 दिनों बाद अपना अनशन समाप्त (Prashant Kishore Ends Fast) कर दिया। BPSC कैंडिडेट ने उन्हें जूस पिलाकर अनशन खत्म करवाया। अनशन खत्म करने से पहले प्रशांत किशोर ने गंगा स्नान किया, बापू को नमन किया और हवन-पूजन किया।
BPSC परीक्षा रद्द की मांग पर अडिग
प्रशांत किशोर ने 2 जनवरी को BPSC 70वीं PT परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर अनशन शुरू किया था। अनशन के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ने पर 7 जनवरी को उन्हें मेदांता अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया। 11 जनवरी को डिस्चार्ज होने के बाद उन्होंने पुनः जनसुराज आश्रम में अनशन जारी रखा।
मंच से प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति की जांच की मांग की। उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति पर एक मेडिकल रिपोर्ट जारी की जानी चाहिए। जनता को पता चलना चाहिए कि वह स्वस्थ हैं या नहीं।"
सत्याग्रह की शक्ति सिखाने का संकल्प
प्रशांत किशोर ने घोषणा की कि अगले आठ महीनों में जनसुराज आश्रम में एक लाख युवाओं को सत्याग्रह की ट्रेनिंग दी जाएगी। ये युवा गांव-गांव और शहर-शहर जाकर लोगों को उनके अधिकारों और सरकार की नीतियों के बारे में जागरूक करेंगे। ट्रेनिंग 20 जनवरी से शुरू होकर 11 मार्च तक चलेगी।
पटना हाईकोर्ट में याचिका पर बहस
BPSC 70वीं PT री-एग्जाम को लेकर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जनसुराज के वकील ने परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए परीक्षा रद्द करने और परिणाम पर रोक लगाने की मांग की। वहीं, सरकारी वकील ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया। हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की और फैसला सुरक्षित रखा, जिसे कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।
FIR वापसी की मांग
प्रशांत किशोर के साथ-साथ पूर्णिया सांसद पप्पू यादव और कोचिंग संचालक खान सर ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों पर दर्ज FIR को वापस लेने और री-एग्जाम कराने की मांग की है।
SC ने पटना हाईकोर्ट जाने का दिया निर्देश
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए याचिकाकर्ताओं को आर्टिकल 226 के तहत पटना हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया था। प्रशांत किशोर ने कहा कि यदि हाईकोर्ट से न्याय नहीं मिला, तो वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उनका कहना है कि छात्रों के हित में फैसला लाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।