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ONOE Vote: लोकसभा में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' बिल पेश, विपक्ष का तीखा विरोध

ONOE Vote: केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। इस विधेयक का नाम "संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024" है। विधेयक के पेश...
04:21 PM Dec 17, 2024 IST | Ritu Shaw

ONOE Vote: केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया।

इस विधेयक का नाम "संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024" है। विधेयक के पेश किए जाने के दौरान विपक्ष ने तीखी आपत्ति जताई और मतदान की मांग की। प्रस्ताव के पक्ष में 269 वोट पड़े, जबकि 198 सदस्यों ने विरोध में मतदान किया। विधेयक को संसद की दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेजा जा सकता है।

विपक्ष का विरोध

विधेयक पेश करने के बाद कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने इसे संविधान की बुनियादी संरचना पर हमला बताया। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, “यह विधेयक संविधान की बुनियादी संरचना को कमजोर करता है। यह इस सदन की विधायी क्षमता के बाहर है। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि इसे वापस लिया जाए।”

समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने इसे "तानाशाही लाने की कोशिश" करार दिया। उन्होंने कहा, “संविधान संशोधन विधेयक लाकर संविधान की मूल भावना को खत्म किया जा रहा है। मैं और मेरी पार्टी इसका विरोध करते हैं।”

तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया कि यह विधेयक सिर्फ "एक व्यक्ति के सपने और इच्छा" को पूरा करने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा, “यह विधेयक संविधान की बुनियादी संरचना को नुकसान पहुंचाता है, और ऐसा कोई भी कानून अल्ट्रा वायर्स (संविधान के विरुद्ध) होगा।”

"वन नेशन, वन इलेक्शन" बिल का विवरण

संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 के अनुसार, यदि लोकसभा या कोई राज्य विधानसभा अपने कार्यकाल समाप्त होने से पहले भंग होती है, तो उस विधानसभा का चुनाव केवल शेष कार्यकाल के लिए होगा। विधेयक में संविधान के अनुच्छेद 82(A) जोड़ने और अनुच्छेद 83, 172 और 327 में संशोधन का प्रस्ताव है।

बिल के अनुसार, "नियुक्त तिथि" (appointed date) की घोषणा राष्ट्रपति द्वारा अगले लोकसभा चुनाव के पहले सत्र में की जाएगी। इस "नियुक्त तिथि" के बाद लोकसभा और सभी विधानसभाओं का कार्यकाल एक साथ समाप्त होगा। यह प्रस्ताव 2024 के भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र का हिस्सा था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका समर्थन किया है। हालांकि, इसे कई विपक्षी दल और कार्यकर्ता इसे लोकतांत्रिक जवाबदेही को कमजोर करने वाला मानते हैं।

विधेयक की विशेषताएं

इस पर चर्चा और विपक्ष की आलोचनाओं के बीच यह देखना होगा कि सरकार इसे कैसे आगे बढ़ाती है।

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