New CJI Sanjiv Khanna: मुख्य न्यायधीश संजीव खन्ना ने संभाला कार्यभार, सुप्रीम कोर्ट के इन प्रमुख मामलों पर करेंगे सुनवाई
New CJI Sanjiv Khanna: न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने सोमवार को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में न्यायमूर्ति खन्ना को शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्होंने यह पदभार संभाला।
64 वर्षीय न्यायमूर्ति खन्ना इस पद पर छह महीने तक रहेंगे, क्योंकि उनके मई 13, 2025 को सेवानिवृत्त होने की संभावना है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ से न्यायमूर्ति खन्ना को मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार हस्तांतरित होने के बाद कई प्रमुख मामलों की सुनवाई अब उनके नेतृत्व में की जाएगी।
AMU का अल्पसंख्यक दर्जा
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के अल्पसंख्यक दर्जे पर पुनर्विचार का आदेश दिया था। एक 4-3 बहुमत के फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने 1967 के अज़ीज़ बाशा मामले के निर्णय को पलट दिया, जिसके आधार पर एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा अस्वीकार किया गया था। इस फैसले में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने बहुमत का समर्थन किया। मामले की अगली सुनवाई की तारीख अभी घोषित नहीं हुई है, लेकिन संभावना है कि यह मामला अब सीजेआई संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच द्वारा सुना जाएगा।
वैवाहिक बलात्कार (मैरिटल रेप) का मामला
सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर में वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने की याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित कर दी थी, क्योंकि तत्कालीन सीजेआई चंद्रचूड़ ने अपने सेवानिवृत्ति को देखते हुए इसे नए बेंच को सौंपना उचित समझा। यह मामला भारतीय समाज में व्यापक बहस का विषय रहा है और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 375 के तहत पति को संरक्षण प्रदान करने वाले प्रावधान को चुनौती देता है। अब, इस महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई नए मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता में होने की संभावना है।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना का न्यायिक योगदान
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना सुप्रीम कोर्ट के कई ऐतिहासिक निर्णयों का हिस्सा रहे हैं, जिनमें अनुच्छेद 370 की समाप्ति का समर्थन और इलेक्टोरल बॉन्ड की व्यवस्था को खारिज करने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय शामिल हैं। न्यायमूर्ति खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को शराब नीति घोटाले मामले में पहली बार अंतरिम जमानत दी थी। 1983 में दिल्ली बार काउंसिल के साथ अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत होने वाले न्यायमूर्ति खन्ना 18 जनवरी, 2019 को सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्त हुए थे।
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