MSP Hike: आगामी चुनावों से पहले किसानों को सरकार का बड़ा तोहफा, बढ़ाए रबी फलसों के एमएसपी
MSP Hike: सरकार ने बुधवार को 2025-26 मार्केटिंग सेशन के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 150 रुपये बढ़ाकर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। यह फैसला प्रमुख राज्य चुनावों से पहले लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट समिति ने छह रबी फसलों के लिए MSP में वृद्धि को मंजूरी दी है, जिसमें बढ़ोतरी 130 से 300 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है।
एमएसपी में बढ़ोत्तरी
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “खरीफ फसलों की तरह, रबी फसलों के लिए MSP में भी महत्वपूर्ण वृद्धि की गई है।” उन्होंने यह भी बताया कि नए गेहूं MSP का मूल्य उत्पादन लागत से 105 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने इसे “एक बड़ी उपलब्धि” बताई।
किसमें कितनी बढ़ोत्तरी हुई?
सरकार ने रेपसीड और सरसों के लिए MSP को 300 रुपये बढ़ाकर 5,950 रुपये प्रति क्विंटल करने का निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य घरेलू तेलबीज उत्पादन को बढ़ाना और खाद्य तेल आयात को कम करना है। वहीं, सूरजमुखी के लिए समर्थन मूल्य 140 रुपये बढ़ाकर 5,940 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। दालों के मामले में, मसूर का समर्थन मूल्य 275 रुपये बढ़ाकर 6,700 रुपये प्रति क्विंटल और चने का MSP 210 रुपये बढ़ाकर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। जौ का समर्थन मूल्य 130 रुपये बढ़ाकर 1,980 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
चुनावों से पहले हुई घोषणा
यह घोषणा महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली जैसे राज्यों में चुनावों की तैयारी के दौरान की गई है। हालांकि, वैष्णव ने MSP में बढ़ोतरी और आगामी चुनावों के बीच किसी भी संबंध को नकारते हुए कहा कि ऐसी घोषणाएं आमतौर पर इस समय होती हैं। मंत्री ने कहा कि किसानों में सरकार के प्रति “अच्छा अहसास” है और उन्होंने उनके जीवन में परिवर्तनकारी बदलावों का उल्लेख किया।
यह MSP में वृद्धि 2018-19 के केंद्रीय बजट के उस वादे के अनुसार है, जिसमें समर्थन मूल्य को उत्पादन लागत के सभी-भारत के औसत वजन के 1.5 गुना से कम नहीं रखने का लक्ष्य रखा गया था। सरकार को उम्मीद है कि ये वृद्धि किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करेगी और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करेगी।
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