• ftr-facebook
  • ftr-instagram
  • ftr-instagram
search-icon-img

Modi Meets Tulsi Gabbard: तुलसी गैबार्ड बनीं अमेरिका की शीर्ष खुफिया अधिकारी, पीएम मोदी संग हुई अहम बैठक

Modi Meets Tulsi Gabbard: अमेरिका की पहली हिंदू-अमेरिकी महिला सांसद और हाल ही में DNI नियुक्त हुई तुलसी गैबार्ड ने पीएम मोदी से मुलाकात की।
featured-img

Modi Meets Tulsi Gabbard: अमेरिका की पहली हिंदू-अमेरिकी महिला सांसद और हाल ही में निदेशक ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस (DNI) नियुक्त हुई तुलसी गैबार्ड ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह बैठक मोदी के अमेरिका आगमन के तुरंत बाद और गैबार्ड के सीनेट में पुष्टि होने के कुछ घंटे बाद वॉशिंगटन डी.सी. के ब्लेयर हाउस में हुई। इस महत्वपूर्ण मुलाकात ने भारत और अमेरिका के बीच खुफिया सहयोग को नए आयाम देने के संकेत दिए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, "वॉशिंगटन डी.सी. में अमेरिका की निदेशक ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस @TulsiGabbard से मुलाकात की। उन्हें उनके नए पद के लिए बधाई दी और भारत-अमेरिका मित्रता के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। वह हमेशा से इस संबंध की प्रबल समर्थक रही हैं।"

अमेरिकी खुफिया प्रमुख बनीं गैबार्ड

तुलसी गैबार्ड अब अमेरिका की शीर्ष खुफिया अधिकारी बन गई हैं, जो CIA, NSA सहित 18 खुफिया एजेंसियों की निगरानी करेंगी। DNI के रूप में उनका दायित्व अमेरिका के राष्ट्रपति और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को खुफिया मामलों पर सलाह देना होगा। वे राष्ट्रपति की डेली ब्रिफ (PDB) तैयार करने की भी जिम्मेदार होंगी, जिसमें विश्वभर से ताजा खुफिया जानकारी होती है।

भारत और अमेरिका के बीच खुफिया साझेदारी में अब तक कई चुनौतियां रही हैं। 9/11 के बाद जब तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने पहली बार CIA मुख्यालय का दौरा किया था, तभी से इस दिशा में कदम बढ़ाए गए थे। गैबार्ड की नियुक्ति से इस सहयोग को नई मजबूती मिलने की उम्मीद है।

मोदी और गैबार्ड की विशेष मित्रता

हालांकि गैबार्ड अमेरिकी समोअन मूल की हैं, लेकिन उनकी हिंदू आस्था उन्हें भारत से जोड़ती है। उनकी मां गौड़ीय वैष्णव परंपरा में परिवर्तित हुई थीं, जिसके चलते गैबार्ड का झुकाव भी हिंदू धर्म की ओर हुआ। 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने गैबार्ड को भारत आने का निमंत्रण दिया था। गैबार्ड, जो तब पहली बार हवाई से कांग्रेस में चुनी गई थीं, मोदी से मिलीं और उन्हें अपनी बचपन से पढ़ी गई श्रीमद्भगवद गीता भेंट की, जिस पर उन्होंने पद की शपथ भी ली थी।

एक साल बाद जब गैबार्ड की शादी ओआहू में हुई, तो मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता राम माधव को विशेष उपहारों के साथ भेजा। माधव ने मोदी का संदेश पढ़ते हुए कहा, "हम सब इस महत्वपूर्ण अवसर पर आपके परिवार और प्रियजनों की खुशी में शामिल हैं। प्रधानमंत्री की ओर से नवविवाहित जोड़े को देवताओं की भूमि भारत में हनीमून मनाने का निमंत्रण दिया जाता है।" साथ ही, मोदी की ओर से एक गणेश प्रतिमा और पश्मीना शॉल भी उपहार स्वरूप भेजे गए।

अमेरिकी राजनीति में गैबार्ड की स्थिति

गैबार्ड की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी राजनीति में वैश्विक शक्ति संतुलन को लेकर बड़ा बदलाव हो रहा है। अमेरिका में कई बार उन्हें "रूसी समर्थक" कहा गया है, क्योंकि वे पारंपरिक अमेरिकी विदेश नीति की आलोचना करती रही हैं। संयोग से, मोदी से उनकी मुलाकात तब हुई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को समर्थन से पीछे हटने की घोषणा की और व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात का ऐलान किया।

भारत के लिए गैबार्ड की नियुक्ति शुभ संकेत है, क्योंकि देश ने हमेशा मॉस्को और वॉशिंगटन के बीच संतुलन साधा है। उनकी हिंदू आस्था और भारत के प्रति झुकाव भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने में सहायक हो सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि DNI के रूप में गैबार्ड की भूमिका भारत-अमेरिका खुफिया साझेदारी को किस दिशा में ले जाती है।

यह भी पढ़ें: PM Modi Meets Macron: भारत-फ्रांस रक्षा सहयोग में बड़ी प्रगति, व्यापार और नवाचार में भी बढ़ते कदम

.

tlbr_img1 होम tlbr_img2 शॉर्ट्स tlbr_img3 वेब स्टोरीज़ tlbr_img4 वीडियो