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MGNREGA: सोनिया गांधी का केंद्र पर हमला, बोलीं- "मनरेगा को कमजोर कर रही है सरकार"

MGNREGA: राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने MGNREGA के तहत मजदूरी बढ़ाने और गारंटीशुदा कार्यदिवस बढ़ाने की मांग की।
06:27 PM Mar 18, 2025 IST | Ritu Shaw

MGNREGA: कांग्रेस संसदीय दल (CPP) अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने मंगलवार को शून्यकाल के दौरान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के तहत मजदूरी बढ़ाने और गारंटीशुदा कार्यदिवस बढ़ाने की मांग की। उन्होंने केंद्र सरकार पर इस जन कल्याणकारी योजना को "सिस्टेमैटिकली कमजोर" करने का आरोप लगाया।

गरीबों का अहम सुरक्षा कवच

सोनिया गांधी ने कहा कि वर्ष 2005 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग (UPA) सरकार द्वारा शुरू की गई यह योजना ग्रामीण गरीबों के लिए एक अहम सुरक्षा कवच है। "यह बेहद चिंताजनक है कि वर्तमान भाजपा सरकार इस योजना को लगातार कमजोर कर रही है। बजट आवंटन ₹86,000 करोड़ पर स्थिर है, जो कि GDP के प्रतिशत के रूप में 10 वर्षों में सबसे कम है।"

सोनिया गांधी ने आगे कहा कि महंगाई को ध्यान में रखते हुए वास्तविक बजट में ₹4,000 करोड़ की गिरावट आई है। साथ ही अनुमान है कि आवंटित राशि का लगभग 20% हिस्सा पिछले वर्षों के बकाया भुगतान में ही चला जाएगा। उन्होंने कहा, "योजना कई चुनौतियों से जूझ रही है, जिसमें आधार-आधारित भुगतान प्रणाली और नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम (NMMS) के जरिए निगरानी, मजदूरी में देरी और मजदूरी दर में महंगाई के हिसाब से बढ़ोतरी न होना शामिल है।"

जियो टैग की तस्वीरों से निगरानी

गौरतलब है कि NMMS एक ऐसा ऐप है जिससे MGNREGA कार्यस्थलों पर मजदूरों की उपस्थिति और जियो-टैग की गई तस्वीरों के माध्यम से निगरानी की जाती है। सोनिया गांधी ने मांग की कि योजना के तहत न्यूनतम मजदूरी बढ़ाकर ₹400 प्रतिदिन की जाए और काम के दिनों की संख्या 100 से बढ़ाकर 150 की जाए। साथ ही मजदूरी का समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

सोनिया गांधी का दूसरा हस्तक्षेप

यह सोनिया गांधी का शून्यकाल में दूसरा हस्तक्षेप है। इससे पहले फरवरी में उन्होंने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत करोड़ों पात्र भारतीयों को खाद्य सुरक्षा लाभों से वंचित किए जाने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि "पुरानी जनगणना के आंकड़ों के कारण लगभग 14 करोड़ पात्र भारतीय अपने खाद्य सुरक्षा अधिकारों से वंचित हैं।" सोनिया गांधी ने जनगणना में देरी पर भी सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार की आलोचना की।

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