Medical News Jaipur: जयपुर में बच्चे को लगा साढ़े 17 करोड़ का इंजेक्शन, करीब 23 महीने के हृदयांश को मिली संजीवनी
Medical News Jaipur जयपुर। 23 महीने के बच्चे हृदयांश को संजीवनी मिल गई है। मंगलवार को जयपुर के जेकेलोन हॉस्पिटल में उसे साढ़े 17 करोड़ का इंजेक्शन लगाया गया। हृदयांश स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है। उसका इलाज दुनिया के संभवतः सबसे महंगे इंजेक्शन जोलगेनेस्मा से ही संभव था। इतने महंगे इंजेक्शन के लिए उसके परिवार ने क्राउड फंडिंग की मदद ली।
साठ मिनट में 17.5 करोड़ का इंजेक्शन
राजधानी जयपुर में (Medical News Jaipur) बच्चों के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल जेकेलोन के रेयर डिजीज यूनिट के इंचार्ज डॉ. प्रियांशु माथुर और उनकी टीम ने यह इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन अमेरिका से मंगाया गया। डॉ. माथुर ने बताया कि हृदयांश की जीन थैरेपी शुरू हो चुकी है।
पूरा इंजेक्शन लगने में करीब 60 मिनट का समय लगता है। दवा लगने के बाद बच्चा स्टेबल है। दवा का असर आने में 7 से 10 दिन का वक्त लगता है। पूरी तरह रिस्पांस आने में कुछ वक्त लगेगा। इस इंजेक्शन के बाद भी उसे कुछ दवाई दी जाएगी जो करीब 2 महीने तक चलेंगी। हालांकि (Medical News Jaipur) हृदयांश को 24 घंटे बाद अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। डॉ. माथुर के अनुसार इस बीमारी में पहले 100% डेथ रेट था लेकिन इस इंजेक्शन का रिजल्ट बेहतरीन रहा है। दुनिया में अब तक 3500 बच्चों को यह इंजेक्शन लग चुका है। उनमें से 99.5 % बच्चे बच गए हैं।
परिवार ने की क्राउड फंडिंग
बच्चों के नाना नरेश कुम्भज ने बताया कि इतने महंगे इंजेक्शन के लिए कई लोगों ने उनके परिवार की मदद की। हृदयांश के पिता खुद पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं। पुलिस अफसरों ने भी उनकी भरपूर मदद की है। उन्होंने क्राउड फंडिंग में मदद करने वाले सभी लोग का आभार जताया।
इंजेक्शन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी (Medical News Jaipur) ने इंजेक्शन की 17.5 करोड़ की राशि को चार किश्तों में जमा कराने की छूट दी है। क्राउड फंडिंग से 9 करोड़ की पहली किश्त जमा करा दी गई है। शेष राशि तीन किश्तों में एक साल में जमा करानी है। इतने महंगे इंजेक्शन के लिए परिवार ने सोशल मीडिया पर भी मुहिम चलाई थी। क्रिकेटर दीपक चाहर, सरफराज, राजस्थान सरकार के मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म, विधायक ऋतु बनावत ने भी परिवार की मदद की।
जेनेटिक बीमारी है स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी
चिकित्सकों के अनुसार यह एक जेनेटिक बीमारी है जिसमें कमर से नीचे का हिस्सा काम नहीं कर पाता है। (Medical News Jaipur) समय पर इलाज नहीं मिले तो बीमारी पूरे शरीर में फैल जाती है। फेफड़े तक काम करना बंद कर देते हैं जिससे बीमारी जानलेवा हो सकती है। बीमारी का इलाज इस महंगे इंजेक्शन से ही संभव है।
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