Mayawati vs Udit Raj: "समय आ गया है कि उन्हें खत्म किया जाए.." , कांग्रेस नेता उदित राज ने दी मायावती को मारने की धमकी?
Mayawati vs Udit Raj: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती और कांग्रेस नेता उदित राज के बीच तीखी जुबानी जंग छिड़ गई है। मंगलवार सुबह, उदित राज ने मायावती को "सामाजिक न्याय की दुश्मन" बताया और उन पर दलित-मुस्लिम सामाजिक कल्याण आंदोलनों को "दबा देने" का आरोप लगाया।
इसके जवाब में मायावती ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि यह पार्टी डॉ. भीमराव अंबेडकर के मानवतावादी संघर्ष को हमेशा नकारती रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी कभी भी अंबेडकर की विचारधारा और नीतियों पर खरी नहीं उतर सकती।
मायावती ने जताई जान की धमकी की आशंका
मायावती ने दावा किया कि उदित राज के बयान से उनके जीवन को खतरा है। दरअसल, उदित राज ने कहा था, "जब महाभारत के युद्ध के दौरान अर्जुन ने श्रीकृष्ण से पूछा कि मैं अपने ही सगे-संबंधियों का वध कैसे कर सकता हूँ, तब श्रीकृष्ण ने कहा था कि न्याय के लिए लड़ो और अपने ही लोगों का वध करो।"
उन्होंने आगे कहा, "आज मेरे श्रीकृष्ण ने मुझसे कहा कि पहले अपने दुश्मन को मारो। सामाजिक न्याय की दुश्मन मायावती हैं, जिन्होंने इस आंदोलन का गला घोंट दिया। अब समय आ गया है कि उन्हें खत्म किया जाए।" मायावती ने इस बयान को गंभीरता से लेते हुए कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि दलित समाज को कांग्रेस द्वारा किए जा रहे कथित झूठे प्रचार से सावधान रहना चाहिए।
बसपा प्रमुख का कांग्रेस पर हमला
मायावती ने कांग्रेस द्वारा दलितों और पिछड़े वर्गों को लुभाने की कोशिशों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, "चाहे कांग्रेस ‘जय भीम’, ‘जय मंडल’, ‘जय संविधान’ जैसे नारे लगाए, लेकिन बाबा साहेब के अनुयायी इनसे गुमराह नहीं होंगे। वे जागरूक और सतर्क हैं और अपने पैरों पर खड़े होने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "कुछ अवसरवादी और स्वार्थी दलित नेता अपने आकाओं को खुश करने के लिए अनर्गल बयानबाजी करते रहते हैं। ऐसे लोगों से बहुजन समाज को सतर्क रहने और उन्हें गंभीरता से न लेने की जरूरत है। ये लोग सामाजिक परिवर्तन और आर्थिक मुक्ति के आंदोलन से अनभिज्ञ हैं।"
अकांश आनंद ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने भी उदित राज के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे एक सीधा जानलेवा खतरा करार देते हुए पुलिस से 24 घंटे के अंदर उदित राज की गिरफ्तारी की मांग की।
इस पूरे घटनाक्रम के बीच यूपी में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस द्वारा दलित और पिछड़े वर्गों को लुभाने की कोशिशों को बसपा अपने लिए खतरा मान रही है, वहीं बसपा अपने खोए हुए जनाधार को फिर से पाने की जद्दोजहद में जुटी हुई है। देखना यह होगा कि यह सियासी टकराव आगे क्या मोड़ लेता है।
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