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Mahakumbh Stampede: 1954 से 2025 तक कुंभ में भगदड़ के हादसे! कौन थे असली जिम्मेदार? जानिए अनकहे राज!

मौनी अमावस्या के पवित्र स्नान के दौरान लाखों श्रद्धालुओं का संगम नोज पर उमड़ने के बाद एक छोटी सी अव्यवस्था ने भयावह भगदड़ का रूप ले लिया।
07:12 PM Jan 29, 2025 IST | Rajesh Singhal

Mahakumbh Stampede: प्रयागराज के महाकुंभ में बुधवार का दिन कई तीर्थयात्रियों के लिए दुःस्वप्न बनकर आया। मौनी अमावस्या के पवित्र स्नान के दौरान लाखों श्रद्धालुओं का संगम नोज पर उमड़ने के बाद एक छोटी सी अव्यवस्था ने भयावह भगदड़ का रूप ले लिया। इस हादसे में कई श्रद्धालुओं की मौत और घायलों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। (Mahakumbh Stampede)कुंभ मेला हमेशा ही आस्था का संगम रहा है, लेकिन यह आयोजन कई बार दुःखद घटनाओं का गवाह भी बना है। 1954 से लेकर 2025 तक, महाकुंभ में कई भगदड़ की घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें सैकड़ों लोगों की जानें गईं। आइए, हम इन घटनाओं पर एक नजर डालते हैं और समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर ऐसा कब-कब हुआ।

1954: स्वतंत्र भारत का पहला कुंभ और पहली बड़ी त्रासदी

1954 में आज़ादी के बाद पहला कुंभ मेला प्रयागराज (तब इलाहाबाद) में आयोजित किया गया.
घटना का दिन: 3 फरवरी 1954, मौनी अमावस्या
कारण: गंगा किनारे लाखों की भीड़ और अव्यवस्थित प्रशासन
परिणाम: रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब 800 लोग भगदड़ और डूबने से मारे गए।

1986: हरिद्वार में भगदड़

1986 में हरिद्वार के कुंभ मेले में एक और दुखद भगदड़ हुई.
कारण: तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह और अन्य राजनेताओं की यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल के कारण आम श्रद्धालुओं को रोका गया. इससे भीड़ उत्तेजित हो गई और भगदड़ मच गई.
परिणाम: 200 से ज्यादा लोगों की मौत।

2003: नासिक का कुंभ मेला

2003 में नासिक के कुंभ मेले में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली.
घटना स्थल: गोदावरी नदी का तट
परिणाम: 39 लोगों की मौत और 100 से ज्यादा घायल.
यह घटना भीड़ के असामान्य रूप से बढ़ने और व्यवस्थाओं की कमी के कारण हुई.

2013: इलाहाबाद रेलवे स्टेशन की भगदड़

2013 का कुंभ मेला प्रयागराज में फिर से एक बड़े हादसे का गवाह बना.
घटना का दिन: 10 फरवरी 2013
कारण: रेलवे स्टेशन पर पुल टूटने से भगदड़ मच गई.
परिणाम: रिपोर्ट के मुताबिक 42 लोगों की मौत हुई और 45 घायल हुए.

2025: संगम नोज पर मची भगदड़

2025 के महाकुंभ में भी एक बार फिर संगम नोज पर दुखद हादसा हुआ.
घटना का दिन: 28 जनवरी 2025, रात करीब 2 बजे
कारण: अमृत स्नान के लिए भीड़ का अचानक बढ़ना और बैरिकेडिंग का टूटना.
परिणाम: दर्जनों घायल और 10 लोगों के मरने की आशंका.

इन घटनाओं ने हर कुंभ मेला में जान और संपत्ति का भारी नुकसान किया, जिससे प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है।

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