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Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारी जोरों पर, 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ मेले की तैयारियां जोरों पर हैं। शहर का वातावरण आध्यात्मिक जोश से भर गया है। अखाड़ों के संतों और साधुओं का आगमन मेले की भव्यता में चार चाँद लगा रहा है। महाकुंभ मेला, जो हर...
01:43 PM Jan 03, 2025 IST | Ritu Shaw

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ मेले की तैयारियां जोरों पर हैं। शहर का वातावरण आध्यात्मिक जोश से भर गया है। अखाड़ों के संतों और साधुओं का आगमन मेले की भव्यता में चार चाँद लगा रहा है। महाकुंभ मेला, जो हर 12 वर्षों में आयोजित होता है, इस बार 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा।

महानिर्वाणी अखाड़ा और अतल अखाड़ा का भव्य स्वागत

संतों और साधुओं ने मेले में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। महानिर्वाणी अखाड़ा के साधु, भगवा वस्त्र पहने और भस्म से अलंकृत, डमरू की गूंज और "महादेव" के जयकारों के साथ महाकुंभ शिविर पहुंचे। कुछ साधु घोड़ों पर सवार होकर आए। इसी तरह, अतल अखाड़ा के संतों का भी फूलमालाओं से स्वागत हुआ।

अन्य प्रमुख अखाड़ों का आगमन

महाकुंभ में निरंजनी अखाड़ा, अह्वान अखाड़ा और सन्यासी परंपरा के सबसे बड़े अखाड़े, जूना अखाड़ा, के संत भी शामिल हो चुके हैं।

अतिथि देवो भवः की जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "प्रयागराज अतिथि देवो भवः की जिम्मेदारी निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ भी प्रयागराज में आते रहे हैं। मैं सभी से इस दिव्य और भव्य कुंभ को देखने का आग्रह करता हूँ।"

उन्नत प्रौद्योगिकी का उपयोग

महाकुंभ मेले में सुरक्षा और प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। 2,700 एआई-सक्षम कैमरे लगाए जा रहे हैं, और पानी के अंदर निगरानी के लिए विशेष ड्रोन तैनात किए गए हैं। आईजी पीएसी पूर्वी जोन प्रयागराज, राजीव नारायण मिश्रा ने कहा, "हमारी कोशिश है कि मेले का संचालन सुचारु रहे। इसके लिए नई तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।"

संस्कृति विभाग की पहल

उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग ने मेले में 20 छोटे मंच तैयार किए हैं, जहाँ भारत के विभिन्न राज्यों के लोक नृत्य प्रस्तुत किए जाएंगे। यह आयोजन 45 दिनों तक चलेगा और देश की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करेगा।

शाही स्नान की तिथियां

महाकुंभ के मुख्य शाही स्नान 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या), और 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को आयोजित होंगे।

विशेष व्यवस्था

मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि सभी परियोजनाओं को डिजिटाइज किया गया है। उन्होंने कहा, "हमने एआई का उपयोग किया है, और सभी सुरक्षा व्यवस्थाएं सुचारु रूप से की गई हैं।"

45 करोड़ श्रद्धालुओं की संभावना

उत्तर प्रदेश के मंत्री जेपीएस राठौर ने बताया कि इस बार महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संतों और महंतों से संवाद किया है और इस बार के शाही स्नान को 'अमृत स्नान' का नाम दिया गया है।"

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