Maha Kumbh 2025: संगम पर उमड़ रहा भक्तों का सैलाब, 45 करोड़ श्रद्धालु, 40,000 सुरक्षाकर्मी, 1.5 लाख टेंट के साथ 7 लेयर सुरक्षा इंतजाम
Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ हो चुका है। मकर संक्रांति (14 जनवरी) और पौष पूर्णिमा (13 जनवरी) के मद्देनजर संगम पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ेगी। प्रशासन के अनुसार, पौष पूर्णिमा के दिन लगभग 1 करोड़ और मकर संक्रांति (Maha Kumbh 2025) पर करीब 3 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम में पवित्र स्नान करने की संभावना है।
7 लेयर सुरक्षा इंतजाम
श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मेला क्षेत्र को किले जैसी सुरक्षा व्यवस्था में तब्दील कर दिया गया है। पूरे क्षेत्र को सात सुरक्षा घेरे में बांटा गया है। पुलिस ने मेला क्षेत्र को ‘नो व्हीकल ज़ोन’ घोषित करते हुए सातों मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्जन लागू कर दिया है।
पुलिस अधीक्षक (प्रयागराज रेंज) प्रेम गौतम ने बताया कि लगभग 40,000 पुलिसकर्मी, अर्धसैनिक बल और उत्तर प्रदेश तकनीकी सेवाओं की टीमें सुरक्षा में तैनात हैं। संगम, पंडाल, कैंप, टेंट सिटी और संस्कृतिग्राम समेत सभी प्रमुख स्थलों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
AI तकनीक और ड्रोन से निगरानी
मेले की सुरक्षा में आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। 2,751 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनमें से 328 एआई-सक्षम कैमरे हैं। इनका उपयोग संगम और टेंट सिटी जैसे प्रमुख स्थलों पर निगरानी के लिए किया जा रहा है।
इसके अलावा, एक एडवांस्ड एंटी-ड्रोन सिस्टम सक्रिय किया गया है, जिसे विशेषज्ञों की एक टीम संचालित कर रही है। 24 घंटे निगरानी के लिए 20 हाई-टेक ड्रोन भी लगाए गए हैं। ये ड्रोन 25 सेक्टरों में भीड़ की स्थिति का रीयल-टाइम अपडेट प्रदान करेंगे।
प्रभावी प्रबंधन के लिए ICCC केंद्र
सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिए एक उन्नत इंटीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) की स्थापना की गई है। यह केंद्र भीड़ और यातायात प्रबंधन में मदद करेगा।
श्रद्धालुओं के लिए 1,50,000 टेंट और बिजली की व्यवस्था
प्रशासन ने तीर्थयात्रियों के लिए 1,50,000 टेंट लगाए हैं। वहीं, 4,50,000 नई बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से आधे से अधिक कनेक्शन पहले ही दिए जा चुके हैं।
विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त आयोजन
महाकुंभ में भारत ही नहीं, बल्कि विश्वभर से श्रद्धालु और प्रसिद्ध हस्तियां भी शामिल होती हैं। इनमें अभिनेता रिचर्ड गेरे, निर्देशक डेविड लिंच और तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा जैसी हस्तियां भी शामिल रही हैं। 2017 में महाकुंभ को यूनेस्को द्वारा मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का दर्जा दिया जा चुका है।
मोक्ष और पवित्रता की कामना
कुंभ मेला हर तीन साल में चार पवित्र नदियों के किनारे आयोजित किया जाता है। महाकुंभ, जो 12 वर्षों में एक बार होता है, इसे सबसे अधिक शुभ माना जाता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का नाश होता है और जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है।
यह भी पढ़ें: Mahakumbh 2025: महाकुम्भ का आगाज... प्रयागराज में 60 लाख भक्तों ने लगाई आस्था की डुबकी..सर्दी पर भारी भक्ति