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LAC Controversy: सैनिकों की वापसी के बाद एलएसी पर पैट्रोलिंग शुरू, रिश्ते सुधारने की दिशा में एक कदम

LAC Controversy: भारत ने शनिवार को बताया कि उनके सैनिक पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और डेपसांग में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पैट्रोलिंग कर रहे हैं, ताकि भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच चार साल से जारी सैन्य गतिरोध के...
10:30 PM Nov 02, 2024 IST | Ritu Shaw

LAC Controversy: भारत ने शनिवार को बताया कि उनके सैनिक पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और डेपसांग में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पैट्रोलिंग कर रहे हैं, ताकि भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच चार साल से जारी सैन्य गतिरोध के बाद हुई समझौता प्रक्रिया का सत्यापन किया जा सके।

भारत और चीन के बीच समझौता

भारत और चीन ने 21 अक्टूबर को लद्दाख सेक्टर में पैट्रोलिंग पर समझौता किया था, जिससे दोनों देशों के बीच अप्रैल-मई 2022 में शुरू हुए गतिरोध को समाप्त करने और विवादित मुद्दों का समाधान करने की दिशा में एक कदम बढ़ाया गया। इस समझौते के दो दिन बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस के कज़ान शहर में पांच वर्षों में पहली बार मुलाकात की। दोनों नेताओं ने सीमा विवाद सुलझाने और द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करने के लिए विभिन्न बातचीत तंत्रों को पुनर्जीवित करने पर सहमति व्यक्त की।

मीडिया को दी जानकारी

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने एक नियमित मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “आप सब जानते हैं कि 21 अक्टूबर, 2024 को भारत और चीन के बीच अंतिम चरण के डिसइंगेजमेंट (सैनिक वापसी) पर सहमति बनी। इसके परिणामस्वरूप डेमचोक और डेपसांग में सहमति अनुसार पैट्रोलिंग शुरू हो गई है।”

जानकार सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना की यह पैट्रोलिंग यह सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है कि दोनों पक्षों ने सैनिकों और उपकरणों को फेस-ऑफ साइट से एक निश्चित दूरी पर पीछे हटा लिया है। दोनों देशों के सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया 23 अक्टूबर को शुरू हुई थी और 30 अक्टूबर को पूरी हुई। इस दौरान भारतीय सेना और चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने डेमचोक और डेपसांग में अस्थायी ढाँचों को हटा दिया, जो गतिरोध के दौरान बने थे।

जायसवाल ने कहा कि जैसे-जैसे आगे की जानकारी उपलब्ध होगी, मीडिया को अवगत कराया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि कज़ान में हुई मुलाकात के दौरान भारत और चीन ने यह भी सहमति दी कि विदेश मंत्रियों और अन्य अधिकारियों के स्तर पर संवाद तंत्र का उपयोग करके द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर किया जाएगा।

LAC का विवाद

लद्दाख में एलएसी पर यह विवाद भारत और चीन के संबंधों में 1962 के युद्ध के बाद से सबसे बड़े तनाव का कारण बना था। खासकर जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद, जिसमें 20 भारतीय सैनिक और कम से कम चार चीनी सैनिक मारे गए थे।

मोदी और शी ने सीमा विवाद पर विशेष प्रतिनिधियों-भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की जल्द ही एक बैठक कराने पर सहमति जताई, ताकि LAC पर शांति और स्थिरता सुनिश्चित की जा सके और सीमा विवाद का उचित और संतुलित समाधान खोजा जा सके। हालांकि, इन बैठकों की तिथियाँ अभी निर्धारित नहीं हुई हैं।

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