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Bangladeshi Hindu: कोलकाता का जेएन रे अस्पताल ने बांग्लादेशी मरीजों का इलाज किया बंद, हिंदुओं पर हो रहे हमले के विरोध में आया फैसला

Bangladeshi Hindu: कोलकाता के माणिकतला इलाके में स्थित जेएन रे अस्पताल ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह बांग्लादेशी मरीजों का इलाज अनिश्चितकाल के लिए बंद कर देगा। यह फैसला बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ कथित हिंसा और भारतीय ध्वज...
03:28 PM Nov 30, 2024 IST | Ritu Shaw

Bangladeshi Hindu: कोलकाता के माणिकतला इलाके में स्थित जेएन रे अस्पताल ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह बांग्लादेशी मरीजों का इलाज अनिश्चितकाल के लिए बंद कर देगा। यह फैसला बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ कथित हिंसा और भारतीय ध्वज का अपमान करने की घटनाओं के विरोध में लिया गया है।

अस्पताल के अधिकारी ने क्या कहा?

अस्पताल के अधिकारी सुभ्रांशु भकत ने कहा, “आज से हम किसी भी बांग्लादेशी मरीज को भर्ती नहीं करेंगे। यह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार और हमारे तिरंगे का अपमान करने के खिलाफ एक विरोध है।” उन्होंने कोलकाता के अन्य अस्पतालों से भी इस कदम का अनुसरण करने का आग्रह किया।

चट्टोग्राम में हिंदू मंदिरों पर हमले

यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब बांग्लादेश के चट्टोग्राम में हिंदू मंदिरों पर हमले की घटनाओं से तनाव बढ़ गया है। शुक्रवार को हरिश चंद्र मुंसेफ लेन इलाके में तीन मंदिरों—शांतनेश्वरी मातृ मंदिर, शनि मंदिर और शांतनेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर—पर एक भीड़ ने हमला किया।

एक बांग्लादेशी न्यूज़ पोर्टल के अनुसार, यह हमला दोपहर 2:30 बजे हुआ जब सैकड़ों लोगों की भीड़ ने नारे लगाते हुए मंदिरों पर ईंटें फेंकी। कोतवाली पुलिस स्टेशन के प्रमुख अब्दुल करीम ने घटना की पुष्टि की और कहा कि हालांकि नुकसान कम हुआ, लेकिन तनाव काफी बढ़ गया। मंदिर समिति के सदस्य तपन दास ने कहा, “जुमे की नमाज के बाद सैकड़ों की भीड़ आई और हिंदू विरोधी और इस्कॉन विरोधी नारे लगाए। जब स्थिति बिगड़ी तो हमने सेना को बुलाया और आखिरकार शांति बहाल की गई।”

चिंताग्रस्त माहौल और भारतीय प्रतिक्रिया

यह हमले आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास की देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी के बाद हुए हैं। चिन्मय दास इस्कॉन के पूर्व सदस्य हैं, उन्हें सोमवार को गिरफ्तार किया गया था, और मंगलवार को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। इसके बाद ढाका, चट्टोग्राम और अन्य स्थानों पर हिंदू समुदाय ने प्रदर्शन किए।

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मामले पर चिंता जताते हुए कहा, “चरमपंथी बयानबाजी और हिंसा बर्दाश्त नहीं की जा सकती। यह बांग्लादेश की जिम्मेदारी है कि वह अपने सभी नागरिकों, विशेष रूप से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।” वहीं, बांग्लादेश ने कोलकाता में अपने उप-उच्चायोग के बाहर हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर चिंता व्यक्त की है और भारत से अपने राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।

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