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Kolkata Rape Case: डॉक्टरों के प्रदर्शन पर रोक, WBJDF हाई कोर्ट का करेगा रुख

Kolkata Rape Case: आर जी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर की संदिग्ध मौत और कथित रेप के मामले में सीबीआई से पूरक चार्जशीट दाखिल करने की मांग कर रहे डॉक्टरों के संयुक्त मंच (WBJDF) को कोलकाता पुलिस ने प्रदर्शन की...
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Kolkata Rape Case: आर जी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर की संदिग्ध मौत और कथित रेप के मामले में सीबीआई से पूरक चार्जशीट दाखिल करने की मांग कर रहे डॉक्टरों के संयुक्त मंच (WBJDF) को कोलकाता पुलिस ने प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। इस निर्णय के विरोध में WBJDF मंगलवार को कोलकाता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा।

WBJDF ने 17 दिसंबर से 26 दिसंबर तक कोलकाता के डोरीना क्रॉसिंग पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। पुलिस ने यह कहते हुए प्रदर्शन की अनुमति देने से मना कर दिया कि क्रिसमस और नए साल के दौरान बड़ी भीड़ के चलते यातायात बाधित हो सकता है।

पुलिस का इनकार

कोलकाता पुलिस ने 15 दिसंबर को WBJDF को ईमेल के जरिए सूचित किया, "यातायात की दृष्टि से आपके प्रस्तावित कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जा सकती है क्योंकि इससे यातायात में बाधा और आम जनता को असुविधा होने की संभावना है।"

पुलिस ने आगे कहा कि पहले भी डॉक्टरों के इसी तरह के विरोध प्रदर्शनों के कारण यातायात लंबे समय तक बाधित हुआ था, जिससे आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ा था। पुलिस ने यह भी आशंका जताई कि इस प्रदर्शन से शांति भंग हो सकती है।

शनिवार को सीबीआई ऑफिस तक निकाला मार्च

WBJDF ने शनिवार को सॉल्ट लेक स्थित सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सीबीआई कार्यालय तक मार्च किया था, जिसमें उन्होंने RG कर रेप केस में चार्जशीट दाखिल करने की मांग दोहराई।

पीड़िता की मां का बयान

RG कर मेडिकल कॉलेज में मृत पाई गई महिला डॉक्टर की मां ने सीबीआई की जांच में देरी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "इतने महीने बीत चुके हैं, लेकिन सीबीआई चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी है। यही वजह है कि अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और एक पुलिस अधिकारी को जमानत मिल गई।" 9 अगस्त को RG कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में एक महिला डॉक्टर का अर्धनग्न शव पाया गया था। पुलिस ने पहले मामले की जांच की, लेकिन बाद में यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया।

पीड़िता की मां ने कहा, "आज तक मुझे यह नहीं पता कि मेरी बेटी के साथ उस दिन क्या हुआ। मैं दर-दर भटक रही हूं, लेकिन मुझे न्याय नहीं मिला। मैं हैरान हूं कि सीबीआई इतने समय बाद भी पूरक चार्जशीट दाखिल क्यों नहीं कर सकी।"

आरोपियों को मिली जमानत

अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और पूर्व थाना प्रभारी अभिजीत मोंडल को 13 दिसंबर को कोलकाता कोर्ट से जमानत मिल गई। सीबीआई निर्धारित 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी, जिसके चलते दोनों को राहत मिली। WBJDF का कहना है कि जब तक उन्हें प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिलती, वे न्याय के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।

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