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Kolkata Doctor Case: "बस बहुत हो गया! मैं निराश और भयभीत हूं", कोलकाता डॉक्टर मामले पर राष्ट्रपति द्रौपदि मुर्मू ने जताई चिंता

Kolkata Doctor Case: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर संग हुए जघन्य बलात्कार और हत्या (Kolkata Doctor Case) के बाद महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर अपनी पीड़ा व्यक्त की है, जिसने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर...
05:20 PM Aug 28, 2024 IST | Ritu Shaw

Kolkata Doctor Case: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर संग हुए जघन्य बलात्कार और हत्या (Kolkata Doctor Case) के बाद महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर अपनी पीड़ा व्यक्त की है, जिसने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है। पीटीआई में प्रकाशित एक लेख में, राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा "बस बहुत हो गया!"। कोलकाता मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि वह इस घटना से "निराश और भयभीत" हैं और उन्होंने कहा कि हमारे समाज को "ईमानदार और निष्पक्ष आत्मनिरीक्षण" की आवश्यकता है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की कोलकाता कांड की निंदा

राष्ट्रपति मुर्मू ने "महिला सुरक्षा: बस बहुत हो गया" के शीर्षक से एक कठोर और व्यक्तिगत लेख में कहा, "कोई भी सभ्य समाज बेटियों और बहनों के साथ इस तरह के अत्याचार की अनुमति नहीं दे सकता है।" महाराष्ट्र सहित देश के कई अन्य हिस्सों से बलात्कार के मामलों की रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए, मुर्मू ने कहा कि कोलकाता में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बावजूद अपराधी सक्रिय हैं।

उन्होंने कहा, "जबकि छात्र, डॉक्टर और नागरिक कोलकाता में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, अपराधी अन्य जगहों पर सक्रिय थे।" 'हमारी बेटियों के मार्ग से बाधाओं को दूर करना हमारा कर्तव्य है' राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि हमारे लिए यह जरूरी है कि हम अपनी बेटियों के लिए किसी भी तरह के भय से मुक्त माहौल बनाएं।

पीटीआई के लिए एक विशेष हस्ताक्षरित लेख में मुर्मू ने कहा, "जो लोग इस तरह के विचार साझा करते हैं, वे आगे बढ़कर महिलाओं को एक वस्तु के रूप में देखते हैं... हमारी बेटियों के मार्ग से बाधाओं को दूर करना हमारा कर्तव्य है, ताकि वे भय से मुक्ति पा सकें।"

निर्भया कांड को किया याद

राष्ट्रपति ने हाल ही में रक्षाबंधन के मौके पर स्कूली बच्चों से मुलाकात की थी। उन्होंने दिल्ली में 2012 में हुई निर्भया सामूहिक बलात्कार की घटना का भी जिक्र करते हुए कहा, "उन्होंने मासूमियत से मुझसे पूछा कि क्या उन्हें आश्वासन दिया जा सकता है कि भविष्य में निर्भया जैसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी।"

राष्ट्रपति ने निंदा करते हुए कहा, 12 सालों में इसी तरह की अनगिनत त्रासदियाँ हुई हैं, हालांकि केवल कुछ ने ही पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने यह भी कहा कि, "क्या हमने आपने सबक सीखे? उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे सामाजिक विरोध कम होते गए, ये घटनाएं सामाजिक स्मृति के गहरे और दुर्गम कोने में दब गईं, जिन्हें केवल तभी याद किया जाता है जब कोई और जघन्य अपराध होता है।" महिलाओं के अधिकारों के व्यापक दृष्टिकोण को देखते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी जीती हुई हर इंच जमीन के लिए लड़ना पड़ा है।

मुर्मू ने कहा कि सामाजिक पूर्वाग्रहों के साथ-साथ कुछ रीति-रिवाजों और प्रथाओं ने हमेशा महिलाओं के अधिकारों के विस्तार का विरोध किया है। उन्होंने लिखा, "यह एक बहुत ही निंदनीय मानसिकता है... यह मानसिकता महिलाओं को कमतर इंसान, कम शक्तिशाली, कम सक्षम, कम बुद्धिमान के रूप में देखती है।" उनके विचार में, महिलाओं के खिलाफ अपराधों के पीछे कुछ लोगों द्वारा महिलाओं को वस्तु के रूप में देखना है। उन्होंने कहा, "यह ऐसे लोगों के दिमाग में गहराई से समाया हुआ है"। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस मानसिकता का मुकाबला करना राज्य और समाज दोनों के लिए एक कार्य है। उन्होंने स्वीकार किया कि कानून और सामाजिक अभियान रहे हैं "फिर भी, कुछ ऐसा है जो हमें परेशान करता रहता है।"

राष्ट्रपति ने कहा कि इतिहास "अक्सर दुख देता है" और इतिहास का सामना करने से डरने वाले समाज "सामूहिक भूलने" का सहारा लेते हैं और कहावत के अनुसार शुतुरमुर्ग की तरह अपना सिर रेत में दबा लेते हैं। उन्होंने अपनी भावुक अपील में कहा, "अब समय आ गया है कि हम न केवल इतिहास का सामना करें बल्कि अपनी आत्मा में झांकें और महिलाओं के खिलाफ अपराधों की विकृति की जांच करें। हमें इस विकृति से व्यापक तरीके से निपटना चाहिए ताकि इसे शुरू में ही रोका जा सके। हम ऐसा तभी कर सकते हैं जब हम पीड़ितों की यादों का सम्मान करें और उन्हें याद करने की सामाजिक संस्कृति विकसित करें ताकि हमें अतीत में हमारी असफलताओं की याद दिलाई जा सके और हम भविष्य में और अधिक सतर्क रहने के लिए तैयार हो सकें।"

राष्ट्रपति ने कहा कि समाज को ईमानदार, निष्पक्ष आत्मनिरीक्षण करने और खुद से कुछ कठिन सवाल पूछने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "हमने कहां गलती की है? और हम गलतियों को दूर करने के लिए क्या कर सकते हैं? उस सवाल का जवाब खोजे बिना, हमारी आधी आबादी दूसरी आधी आबादी की तरह स्वतंत्र रूप से नहीं रह सकती।"

कोलकाता डॉक्टर की हत्या

9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई, जिसके बाद कोलकाता पुलिस के सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को गिरफ़्तार किया गया। इस जघन्य अपराध के परिणामस्वरूप डॉक्टरों और नागरिकों ने देश भर में विरोध प्रदर्शन किया। कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर, सीबीआई ने हत्या के साथ-साथ कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले दर्ज किए।

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