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KIIT College Nepali Student: KIIT में नेपाली छात्रा की मौत पर हंगामा, कुलपति ने मांगी माफी

KIIT College Nepali Student: KIIT विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सरंजीत सिंह ने मंगलवार को नेपाली छात्रों से माफी मांगी है।
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KIIT College Nepali Student: ओडिशा के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सरंजीत सिंह ने मंगलवार को नेपाली छात्रों से माफी मांगी और विश्वविद्यालय के दो अधिकारियों को बर्खास्त करने की घोषणा की। ये अधिकारी उस तीसरे वर्ष की बीटेक छात्रा की मौत से जुड़े घटनाक्रम में "अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना" बयान देने के आरोप में हटाए गए हैं।

कुलपति का यह माफीनामा विश्वविद्यालय द्वारा नेपाली छात्रों के खिलाफ की गई सख्त कार्रवाई और उनके छात्रावास से निष्कासन के आदेश के बाद सामने आया। विश्वविद्यालय प्रशासन के इस कदम की कड़ी आलोचना हुई थी।

कुलपति ने दिया माफीनामा

प्रो. सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "हम 16 फरवरी 2025 को हमारे परिसर में हुई अप्रिय घटना से बेहद दुखी हैं। हमें इस बात का भी खेद है कि कुछ अधिकारियों ने आंदोलनरत छात्रों के प्रति अनुचित व्यवहार किया। हमारे दो अधिकारियों ने बेहद गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी की थी, उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। हम पूरी घटना के लिए माफी मांगते हैं और सभी नेपाली छात्रों और नेपाल के लोगों के प्रति अपना प्रेम और स्नेह व्यक्त करते हैं।" उन्होंने नेपाली छात्रों से कक्षाओं में लौटने की भी अपील की।

छात्रों का प्रदर्शन जारी, उच्चस्तरीय जांच की मांग

हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन के माफीनामे के बावजूद 100 से अधिक नेपाली छात्र अब भी उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। KIIT प्रशासन ने एक अलग नोटिस जारी कर बताया कि सुरक्षा कर्मियों और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है। छात्रावास के दो वरिष्ठ अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय संबंध कार्यालय (IRO) के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को जांच लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया है।

वहीं, छात्रावास निदेशक और कंप्यूटर साइंस के एक एसोसिएट प्रोफेसर को नेपाली छात्रों के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के चलते बर्खास्त कर दिया गया है। इन दोनों अधिकारियों ने बाद में अपने बयान के लिए माफी मांगते हुए वीडियो संदेश जारी किया।

छात्रा की मौत और आरोपी छात्र की गिरफ्तारी

KIIT परिसर में तनाव तब फैला जब रविवार को एक तीसरे वर्ष की बीटेक छात्रा अपने छात्रावास के कमरे में मृत पाई गई। पुलिस के अनुसार, कंप्यूटर साइंस की यह छात्रा एक पुरुष साथी छात्र द्वारा मानसिक उत्पीड़न का शिकार थी, जिसके चलते उसने आत्महत्या कर ली। भुवनेश्वर के डिप्टी पुलिस कमिश्नर पिनाक मिश्रा ने बताया कि आरोपी छात्र, जो लखनऊ के एक भाजपा नेता का बेटा है, उसको हिरासत में लिया गया है और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।

पीड़िता के परिवार ने ओडिशा आकर बेटी का शव लिया और निष्पक्ष जांच की उम्मीद जताई। छात्रा के पिता ने कहा, "मुझे ओडिशा सरकार और पुलिस पर पूरा भरोसा है। मेरी बेटी अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन मैं चाहता हूं कि कोई भी नेपाली छात्र इस तरह की त्रासदी का शिकार न हो।"

नेपाली छात्रों पर कार्रवाई से बढ़ा विवाद

छात्रा की मौत के बाद जब नेपाली छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया, तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनके छात्रावास खाली करने का आदेश दे दिया, जिसके बाद परिसर में भारी हंगामा हुआ। छात्रों का आरोप है कि KIIT के सुरक्षा गार्डों ने उन्हें जबरन बाहर निकाल दिया और उनके साथ मारपीट की।

भुवनेश्वर पुलिस ने दो सुरक्षा कर्मियों को छात्रों पर हमले के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कहा, "मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होगी। हम नेपाली छात्रों सहित सभी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।" विश्वविद्यालय ने भी अपने आदेश को वापस ले लिया है और नेपाली छात्रों को छात्रावास में रहने की अनुमति दे दी है।

ओडिशा विधानसभा में भी गूंजा मामला

KIIT विवाद ओडिशा विधानसभा में भी उठा, जहां विपक्षी बीजू जनता दल (BJD) और कांग्रेस ने राज्य की भाजपा सरकार को घेरा। BJD के मुख्य सचेतक प्रताप देब ने कहा, "भाजपा सरकार, जिसने ओड़िया अस्मिता की बात करके सत्ता हासिल की, वह राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में असफल रही है। इस घटना से ओडिशा की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनामी हुई है।"

कांग्रेस विधायक तारा बहिनिपति ने इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की, जबकि भाजपा विधायक टंकाधर त्रिपाठी ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया, लेकिन KIIT विश्वविद्यालय के संस्थापक का जिक्र करते हुए बीजद पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "KIIT के संस्थापक किस पार्टी से सांसद बने थे? उन्हें किसने बढ़ावा दिया?" इस घटना ने न सिर्फ ओडिशा बल्कि नेपाल तक राजनीतिक और सामाजिक हलचल पैदा कर दी है। अब सभी की नजरें पुलिस जांच और प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।

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