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Kanyakumari Glass Bridge: कन्याकुमारी का कांच का पुल! जानिए इसकी 5 ऐसी बातें, जो इसे खास बनाती हैं!

Kanyakumari Glass Bridge: तमिलनाडु के कन्याकुमारी में  एक ऐतिहासिक और रोमांचक घटना घटी, जब मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने देश के पहले कांच के पुल का उद्घाटन किया। यह कांच का पुल सिर्फ एक इंजीनियरिंग चमत्कार नहीं, बल्कि यह दो महान...
12:53 PM Dec 31, 2024 IST | Rajasthan First

Kanyakumari Glass Bridge: तमिलनाडु के कन्याकुमारी में  एक ऐतिहासिक और रोमांचक घटना घटी, जब मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने देश के पहले कांच के पुल का उद्घाटन किया। यह कांच का पुल सिर्फ एक इंजीनियरिंग चमत्कार नहीं, बल्कि यह दो महान भारतीय प्रतीकों – विवेकानंद स्मारक और तिरुवल्लुवर प्रतिमा – को जोड़ने का कार्य करेगा। (Kanyakumari glass bridge)अब तक, इस मार्ग को पार करने के लिए बोट की आवश्यकता थी, लेकिन अब लोग इस शानदार पुल का उपयोग करके बिना किसी परेशानी के सीधे दोनों स्थलों तक पहुंच सकेंगे। यह पुल न केवल पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह कन्याकुमारी की खूबसूरती को और भी आकर्षक बना देगा।

कन्याकुमारी में देश का पहला कांच का पुल

कन्याकुमारी में 37 करोड़ रुपये की लागत से देश का पहला कांच का पुल तैयार किया गया है। यह पुल 77 मीटर लंबा और 10 मीटर चौड़ा है, जिसे सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखते हुए डिज़ाइन किया गया है। इस पुल का उद्घाटन तिरुवल्लुवर प्रतिमा के 25 साल पूरे होने के मौके पर किया गया। 2000 में पूर्व सीएम एम करुणानिधि ने तिरुवल्लुवर प्रतिमा की स्थापना की थी और अब इसके रजत जयंती समारोह के तहत कांच का पुल जनता के लिए खोला जाएगा। यह पुल जल्द ही पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए खुल जाएगा।

पुल की 5 अहम बातें

कितना बड़ा पुल

कन्याकुमारी में समुद्र पर बने इस पहले कांच के पुल की लंबाई 77 मीटर और चौड़ाई 10 मीटर है। यह पुल न केवल एक शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है, बल्कि यहाँ से लोग विवेकानंद स्मारक और तिरुवल्लुवर प्रतिमा को देख सकते हैं। इसके अलावा, कांच के पुल से समंदर की गहराई का नजारा भी देखने को मिलता है, और सूर्योदय तथा सूर्यास्त का आनंद भी लिया जा सकता है।

बढ़ेगी कनेक्टिविटी

इस पुल के बनने से पहले, लोग विवेकानंद स्मारक से तिरुवल्लुवर प्रतिमा तक जाने के लिए नाव का सहारा लेते थे। अब, यह कांच का पुल उन्हें बिना नाव के सीधे दोनों स्थल तक पहुंचने का अवसर देगा, जिससे यात्रा में सुविधा और समय की बचत होगी।

कितना हुआ खर्च

कांच के इस पुल के निर्माण में सरकार ने 37 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यह पुल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अहम है, क्योंकि यह देश का पहला समुद्र पर बना कांच का पुल है और इसके आकर्षण से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद है।

एमके स्टालिन का प्रोजेक्ट

यह ग्लास ब्रिज तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिसका मुख्य उद्देश्य कनेक्टिविटी में सुधार और पर्यटन को बढ़ावा देना है। यह पुल कन्याकुमारी को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।

एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

कांच के इस पुल को समुद्र की तेज हवाओं और खतरनाक परिस्थितियों का सामना करने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी से डिज़ाइन किया गया है। इस पुल की सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए निर्माण किया गया है, ताकि पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। तमिलनाडु के लोक निर्माण मंत्री ई वी वेलु ने इस निर्माण को चुनौतीपूर्ण बताते हुए कहा कि पुल के निर्माण में कई विशेषज्ञों की मदद ली गई थी।

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