Kanwar Yatra 2024: नेमप्लेट फैसले का आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने किया विरोध, बोले- क्या कुर्ते पर भी लिखवा ले नाम
Kanwar Yatra 2024: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार (Yogi Government) के कांवड यात्रा के रास्तों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश से सियायत गर्म हो गई है। योगी सरकार के इस फरमान का विपक्ष विरोध कर रहा है तो वहीं अब NDA के सहयोगी दल भी इस फरमान के विरोध में नजर आ रहे हैं। राष्ट्रीय लोकदल (Rld) ने योगी सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। इससे पहले जेडीयू और एलजेपी ने भी इस फैसले पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने योगी सरकार के इस फरमान पर कहा कि कांवड़ यात्रियों की सेवा सब करते है। न तो कांवड लेकर जाने वाला व्यक्ति कोई किसी की पहचान कर सकता है।
जयंत चौधरी ने जताया विरोध
बता दें कि राष्ट्रीय लोकदल एनडीए की सहयोगी दल है। योगी सरकार के नेमप्लेट वाले फैसले का राष्ट्रीय लोकदल ने भी विरोध किया है। इस पर जयंत चौदरी ने कहा कि कांवड यात्रा जाति धर्म की पहचान करके सेवा नहीं लेता है। इस मुद्दे को धर्म से जोड़ा नहीं जाना चाहिए। बीजेपी (BJP) ने यह फैसला ले लिया इसलिए अब वह इसके ऊपर टिकी हुई है। अभी भी समय है सरकार को तुरंत इस फैसले को वापस लेना चाहिए। इसके बाद जयंत चौधरी ने कहा कि अब कहां-कहां अपना नाम लिखें, क्या अपने कुर्ते भी नाम लिख लें जिससे नाम देखकर ही हाथ मिलाओगे मुझसे।
विपक्ष ने उठाए सवाल
दरअसल, योगी सरकार के नेम प्लेट वाले फरमान पर विपक्ष ने भी सवाल उठाए है। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष लगातार योगी सरकार को घेर रहा है। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav), मायावती (Mayawati), कपिल सिब्बल और ओवैसी ने इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। विपक्ष ने इस फैसले को सांप्रदायिक और भेदभाव वाला बताया है। इतना ही नहीं बीजेपी के नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी योगी सरकार के इस फैसले की निंदा की है।
आदेश का दिखने लगा असर
कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर नेम प्लेट लगाने वाले आदेश का अब दुकानदार भी पालन कर रहे हैं। मार्ग पर जगह-जगह दुकानदारों द्वारा नाम की पर्चियां भी लगाई जा रही है। इन पर्चियों की कारण ही यूपी की सियासत एक बार फिर से गरमा गई है। सरकार ने आदेश जारी किया था कि कांवड़ मार्ग पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर नेम प्लेट लगानी होगी। ताकि कांवड़ियों की इस बात की जानकारी हो कि वह किससे सामान खरीद रहे हैं।
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