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Justice Yashwant Varma: 15 करोड़ की नकदी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तोड़ी चुप्पी, जांच और ट्रांसफर अलग

Justice Yashwant Varma: सुप्रीम कोर्ट ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के स्थानांतरण को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों पर स्पष्टीकरण जारी किया है।
07:34 PM Mar 21, 2025 IST | Ritu Shaw

Justice Yashwant Varma: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के स्थानांतरण को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों और गलत जानकारियों पर स्पष्टीकरण जारी किया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उनका स्थानांतरण प्रस्ताव उनके खिलाफ चल रही इन-हाउस जांच से पूरी तरह अलग और स्वतंत्र है।

अफवाहों पर सुप्रीम कोर्ट का स्पष्टीकरण

सुप्रीम कोर्ट ने अपने बयान में कहा, "न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास पर हुई घटना को लेकर भ्रामक खबरें और अफवाहें फैलाई जा रही हैं।" दिल्ली हाई कोर्ट के दूसरे वरिष्ठतम जज और कोलिजियम के सदस्य न्यायमूर्ति वर्मा का स्थानांतरण उनके मूल न्यायालय इलाहाबाद हाई कोर्ट में किया जा रहा है, जहां वह सीनियरिटी में नौवें स्थान पर होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कहा कि यह स्थानांतरण प्रस्ताव न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ चल रही जांच से स्वतंत्र है और दोनों का आपस में कोई संबंध नहीं है।

इन-हाउस जांच प्रक्रिया जारी

सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने 20 मार्च को कोलिजियम बैठक से पहले प्रारंभिक जांच शुरू की थी। जांच रिपोर्ट आज मुख्य न्यायाधीश को सौंपी जाएगी, जिसके बाद रिपोर्ट की समीक्षा कर आगे की आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

स्थानांतरण प्रक्रिया का पूरा ब्यौरा

सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, स्थानांतरण प्रस्ताव पर 20 मार्च को कोलिजियम में चर्चा हुई, जिसमें मुख्य न्यायाधीश (CJI) और शीर्ष अदालत के चार वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल थे। इसके बाद संबंधित हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों, सुप्रीम कोर्ट के परामर्शी जजों और स्वयं न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को पत्र भेजे गए। सभी से प्राप्त प्रतिक्रियाओं की समीक्षा के बाद कोलिजियम अंतिम निर्णय लेकर प्रस्ताव पारित करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने दी जांच प्रक्रिया की जानकारी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे जजों की जांच की प्रक्रिया 1995 के 'सी. रविचंद्रन अय्यर बनाम न्यायमूर्ति एएम भट्टाचार्य' मामले में तय की गई थी। इस प्रक्रिया का ब्योरा सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी भी जज के खिलाफ जांच शुरू करने से पहले मुख्य न्यायाधीश द्वारा संबंधित जज का पक्ष जानना अनिवार्य है।

क्या है पूरा मामला?

घटना के अनुसार, जब न्यायमूर्ति वर्मा अपने परिवार सहित घर से बाहर थे, तभी उनके घर के स्टोर रूम में आग लग गई। परिवार ने तत्काल आपातकालीन सेवाओं को बुलाया। आग बुझाने के बाद कहा गया कि एक कमरे में बड़ी मात्रा में नकदी (करीब 15 करोड़ रुपये) मिली।

फायर डिपार्टमेंट का खंडन

हालांकि, दिल्ली अग्निशमन सेवा (DFS) प्रमुख अतुल गर्ग ने इस दावे का खंडन करते हुए पीटीआई को बताया, "हमारे फायर फाइटर्स को मौके पर कोई नकदी नहीं मिली।" उन्होंने कहा कि आग बुझाने के बाद पुलिस को सूचित किया गया और उनकी टीम मौके से लौट आई।

न्यायमूर्ति वर्मा का करियर

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने अक्टूबर 2021 में दिल्ली हाई कोर्ट के जज के रूप में शपथ ली थी। इससे पहले वह 13 अक्टूबर 2014 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज नियुक्त हुए थे।

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