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ISRO Proba-3: भारत और यूरोपीय संघ का संयुक्त मिशन, दिसंबर में ISRO करेगा Proba-3 सूरज अन्वेषण मिशन लॉन्च

ISRO Proba-3: भारत का अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) दिसंबर में यूरोपीय संघ के Proba-3 सूर्य अन्वेषण मिशन को लॉन्च करने के लिए तैयार है। यह जानकारी केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को दी।...
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ISRO Proba-3: भारत का अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) दिसंबर में यूरोपीय संघ के Proba-3 सूर्य अन्वेषण मिशन को लॉन्च करने के लिए तैयार है। यह जानकारी केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को दी। उन्होंने तीसरे भारतीय अंतरिक्ष कॉन्क्लेव में घोषणा की कि Proba-3 उपग्रह, जो सूर्य के वातावरण का अध्ययन करेगा, श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित होगा।

भारत और यूरोपीय संघ मिलकर करेंगे अध्ययन

Proba-3 उपग्रह का उद्देश्य सूर्य के धुंधले कोरोना का अवलोकन करना है। भारत और यूरोपीय संघ के वैज्ञानिक मिलकर सूर्य के कोरोना का अध्ययन करेंगे। यह भारत का यूरोपीय संघ के लिए तीसरा प्रक्षेपण होगा, इससे पहले Proba-1 और Proba-2 उपग्रह लॉन्च किए गए थे। इस मिशन के लिए PSLV-XL रॉकेट का उपयोग किया जाएगा। सिंह ने बताया कि Proba-3 से प्राप्त डेटा सूर्य के कोरोना के गतिशीलता का विश्लेषण करने में सहायक होगा।

भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का विस्तार

जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि भारत 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन "भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन" (BAS) स्थापित करने और 2040 तक पहले भारतीय को चंद्रमा पर भेजने का लक्ष्य रखता है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत का लक्ष्य है कि वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में उसकी हिस्सेदारी 2% से बढ़ाकर 10% की जाए।

इस कार्यक्रम में ISRO के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रहा है और इसके लिए सरकार द्वारा सहायक नीतियां, बड़े निवेश और रणनीतिक साझेदारियां स्थापित की जा रही हैं। सोमनाथ ने बताया कि भारत के पास बड़े प्लेटफार्म और रॉकेट निर्माण में चुनौतियां हैं, जिनमें अधिक निवेश और तकनीकी जोखिम शामिल हैं। उन्होंने उद्योग जगत और स्टार्टअप्स से वैश्विक प्रतिस्पर्धा में उतरने का आग्रह किया।

अंतरिक्ष क्षेत्र में निवेश

सरकार ने पिछले महीने IN-SPACE के तहत अंतरिक्ष स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए ₹1,000 करोड़ का वेंचर कैपिटल फंड भी मंजूर किया है। सोमनाथ ने बताया कि भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनियों के अलावा प्रमुख अंतरिक्ष कंपनियों का निर्माण करना आवश्यक है, ताकि भारत वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी उत्पाद प्रस्तुत कर सके।

भारत-यूरोपीय संघ का सहयोग

भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत हर्वे डेलफिन ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ अंतरिक्ष में स्वायत्तता की दिशा में काम कर रहे हैं और नेविगेशन, पृथ्वी अवलोकन और संचार प्रौद्योगिकियों में सामरिक सहयोग की संभावना देख रहे हैं। उन्होंने बताया कि यूरोपीय संघ, भारत के साथ संयुक्त परियोजनाओं में साझेदारी करना चाहता है।

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