लॉरेंस से भी टेढ़ा मामला है अनमोल बिश्नोई, गिरफ्तार हुए लेकिन क्या भारत आएगा? जानें पूरा गणित
Gangster Anmol Bishnoi detained in USA: "गैंगस्टर की दुनिया में बड़े नामों की बात हो और लॉरेंस बिश्नोई का जिक्र न हो, ऐसा मुमकिन नहीं।" अब इसी कड़ी में उनका छोटा भाई अनमोल बिश्नोई भी सुर्खियों में है। (Gangster Anmol Bishnoi detained in USA) खबरें उड़ रही हैं कि अमेरिका की जमीन पर छुपे अनमोल को पकड़ लिया गया है।
हालांकि, अभी तक भारत और अमेरिका की ओर से इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। 25 साल के इस 'मोस्ट वांटेड' गैंगस्टर के बारे में अमेरिकी एजेंसियों ने भारत को जानकारी दी थी, और अब सवाल उठ रहा है,क्या अमेरिका उसे भारत को सौंपेगा, या यह मामला कूटनीति और कानून की पेचीदगियों में उलझ जाएगा? आइए, जानते हैं इस दिलचस्प कहानी के पीछे की पूरी पृष्ठभूमि।
अनमोल बिश्नोई को अमेरिका में हिरासत में लिया गया
अमेरिकी इमिग्रेशन विभाग ने 14 नवंबर को कैलिफोर्निया में गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई को हिरासत में लिया। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, अनमोल ने नकली दस्तावेजों और फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर अमेरिका में प्रवेश किया था। वह 15 मई 2022 को "भानु" नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाकर वहां पहुंचा। लेकिन, जांच में पता चला कि पासपोर्ट में इस्तेमाल किए गए दस्तावेज भी फर्जी थे।
गिरफ्तारी के बाद, 15 नवंबर को FBI के तीन अधिकारियों ने भारत की कई सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाकात की। इस 45 मिनट की बैठक में अनमोल के खिलाफ सबूतों और उसके संभावित प्रत्यर्पण पर चर्चा हुई। यह गिरफ्तारी भारत-अमेरिका के बीच आपराधिक मामलों में सहयोग को लेकर एक अहम मोड़ साबित हो सकती है।
अनमोल बिश्नोई के मामले में क्या है प्रक्रिया?
किसी भी अपराधी को दूसरे देश से प्रत्यर्पित करने के लिए दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि का होना अनिवार्य है। भारत और अमेरिका के बीच यह संधि 1997 में हुई थी। प्रत्यर्पण का भारतीय कानून 1962 में बना, और इसके तहत भारत ने 48 देशों के साथ संधियां और 12 देशों के साथ विशेष अरेंजमेंट किए हैं।
प्रत्यर्पण के लिए अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत अपराध की "डबल क्रिमिनैलिटी" जरूरी है, यानी जिस अपराध के लिए प्रत्यर्पण मांगा गया है, वह अपराध दोनों देशों के कानूनों के तहत होना चाहिए। हालांकि, राजनीतिक, सैन्य या धार्मिक अपराधों के मामले में प्रत्यर्पण आमतौर पर संभव नहीं होता।
रिपोर्ट्स के अनुसार, 2002 से 2018 के बीच अमेरिका से 11 अपराधियों को भारत प्रत्यर्पित किया गया है। लेकिन, 2024 तक 61 भारतीय प्रत्यर्पण अनुरोध अमेरिका में लंबित हैं। अनमोल बिश्नोई के मामले में, फर्जी दस्तावेजों के जरिए अमेरिका में प्रवेश और अन्य अपराधों को ध्यान में रखते हुए, भारत अब उसके प्रत्यर्पण पर जोर दे सकता है।
अनमोल बिश्नोई के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 25 अक्टूबर को 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। कुछ ही दिनों बाद, 4 नवंबर को अमेरिकी जांच एजेंसियों ने अनमोल के अमेरिका में मौजूद होने की जानकारी मुंबई पुलिस को दी। इसके बाद मुंबई पुलिस ने उनके प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक प्रस्ताव भेजा। हालांकि, इस प्रक्रिया में कई चुनौतियां सामने आ सकती हैं:
गैंगस्टर से लेकर मर्डर केस तक!
अनमोल बिश्नोई पर कुल 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें सिद्धू मूसेवाला और बाबा सिद्दीकी हत्याकांड जैसे हाई-प्रोफाइल मामले शामिल हैं। NIA के अनुसार, सिद्धू मूसेवाला की हत्या में इस्तेमाल होने वाले हथियारों और साधनों की आपूर्ति अनमोल बिश्नोई ने की थी। इसके अलावा, सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग मामले में भी उसका नाम चार्जशीट में है। इस वजह से उसे एक 'Wanted' आरोपी घोषित किया गया और उसके खिलाफ Red Corner Notice (RCN) जारी किया गया।
अनमोल बिश्नोई के खिलाफ आरोपों में उसकी फर्जी पासपोर्ट से देश छोड़ने की कहानी भी शामिल है। 2023 में केन्या और 2024 में कनाडा में उसकी मौजूदगी की रिपोर्ट्स आई हैं।
इससे पहले, वह जोधपुर जेल में भी एक मर्डर केस के चलते बंद था, लेकिन 7 अक्टूबर, 2021 को जमानत मिलने के बाद वह फरार हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस के बाद अनमोल बिश्नोई ने नेपाल से दुबई और फिर केन्या तक का सफर किया, और अंततः अमेरिका में छिपने पहुंचा।
अब, यह देखना दिलचस्प होगा कि डोनल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत अनमोल बिश्नोई का भारत में प्रत्यर्पण कितना आसान होगा।