Hindenburg Shuts Down: नाथन एंडरसन बंद कर रहे हैं हिंडनबर्ग रिसर्च, जानें कौन है ये शख्स जिसने अडानी को पहुंचाया अरबों डॉलर का नुकसान
Hindenburg Shuts Down: हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन ने गुरुवार को अपनी निवेश शोध कंपनी को बंद (Hindenburg Shuts Down) करने की घोषणा की। यह वही कंपनी है जिसने अपनी गहन जांचों के माध्यम से अडानी ग्रुप और निकोला जैसी बड़ी कंपनियों को अरबों डॉलर का नुकसान पहुंचाया। आइये जानते हैं इस शख्स के बारे में जिसने इन कम्पनियों को इतना बड़ा नुकसान पहुंचाया।
कौन हैं नाथन एंडरसन?
नाथन एंडरसन अमेरिका के कनेक्टिकट राज्य से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता एक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर थे और उनकी मां एक नर्स के रूप में कार्यरत थीं।
एंडरसन ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार का अध्ययन किया और बाद में उन्होंने दो प्रमुख वित्तीय पेशेवर प्रमाणपत्र - चार्टर्ड अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट एनालिस्ट (CAIA) और चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट (CFA) प्राप्त किए।
साल 2004-05 के दौरान, एंडरसन ने इज़राइल में एम्बुलेंस ड्राइवर के रूप में भी काम किया। इसके बाद उन्होंने FactSet Research Systems Inc. में काम किया, लेकिन उन्हें यह नौकरी "साधारण" लगी। इसके बाद उन्होंने निजी निवेश सेवाओं के लिए संभावित निवेशों का मूल्यांकन करना शुरू किया और जल्द ही अपनी पहली कंपनी, ClaritySpring, की स्थापना की।
हिंडनबर्ग रिसर्च की स्थापना
साल 2017 में नाथन एंडरसन ने हिंडनबर्ग रिसर्च की स्थापना की। इस कंपनी का नाम 1937 में हुए हिंडनबर्ग एयरशिप हादसे से प्रेरित है। एंडरसन का मानना था कि उनकी कंपनी उन कंपनियों को उजागर करेगी जो गिरावट के कगार पर हैं।
हिंडनबर्ग रिसर्च का मुख्य काम सार्वजनिक कंपनियों में धोखाधड़ी, गैर-जवाबदेही और अन्य समस्याओं का पर्दाफाश करना है। उनकी रिपोर्ट्स ने कई बार कंपनियों के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की।
साल 2023 और 2024 में, हिंडनबर्ग की अडानी ग्रुप पर प्रकाशित रिपोर्ट्स ने भारत और वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी। अडानी ग्रुप ने इन रिपोर्ट्स को झूठा बताया और कई भारतीय नेताओं ने भी इन दावों को खारिज कर दिया।
2024 की एक रिपोर्ट में, हिंडनबर्ग ने SEBI प्रमुख पर अडानी ग्रुप के "मनी-साइफनिंग" घोटाले में हिस्सेदारी होने का भी आरोप लगाया।
कंपनी बंद करने की घोषणा
गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर एक संदेश में नाथन एंडरसन ने कहा, "जैसा कि मैंने पिछले साल से परिवार, दोस्तों और टीम के साथ साझा किया था, मैंने हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने का निर्णय लिया है। हमने जिन विचारों पर काम किया, उन्हें पूरा करने के बाद कंपनी को समाप्त करना मेरा उद्देश्य था। और आज, हमने वह आखिरी मामला भी पूरा कर लिया है।"
उन्होंने इस काम की "काफी तीव्र और कभी-कभी सर्वग्राही" प्रकृति को इस निर्णय का कारण बताया। हालांकि, आलोचक इसे जॉर्ज सोरोस और तथाकथित 'डीप स्टेट' के साथ हिंडनबर्ग के कथित संबंधों और ट्रंप प्रशासन के दबाव से जोड़कर देख रहे हैं।
अडानी ग्रुप का रिएक्शन
अडानी ग्रुप के सीएफओ जुगशिंदर रॉबी सिंह ने X (पहले ट्विटर) पर एक व्यंग्यात्मक पोस्ट करते हुए लिखा: "कितने ग़ाज़ी आए, कितने ग़ाज़ी गए।"
अदानी ग्रुप पर लगाए गए आरोप
हिंडनबर्ग ने जनवरी 2023 में अपनी रिपोर्ट में अदानी ग्रुप पर "कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला" करने का आरोप लगाया था। इस रिपोर्ट के बाद समूह के शेयरों का कुल मूल्य $150 अरब तक गिर गया।
हालांकि, अडानी ग्रुप ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे "दशकों से ब्रेज़ेन स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड स्कीम" और ऑफशोर टैक्स हेवंस का उपयोग करके शेयर की कीमतें बढ़ाने में लगे हुए नहीं हैं। नाथन एंडरसन की इस घोषणा के साथ ही एक युग का अंत हो गया, लेकिन उनका प्रभाव और उनकी रिपोर्ट्स का असर लंबे समय तक याद रखा जाएगा।
यह भी पढ़ें: 8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को मोदी सरकार का तोहफा, 8वें वेतन आयोग को मंजूरी