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Gujarat Railway Track: प्रमोशन और पुरस्कार के लालच में रेलवे कर्मचारी ने ही कर दी पटरी के साथ छेड़छाड़

Gujarat Railway Track: सूरत के किम रेलवे स्टेशन पर शनिवार को जब यह पता चला कि रेलवे ट्रैक के कई महत्वपूर्ण हिस्से गायब हैं, तो लोगों में अफरातफरी फैल गयी। यह घटना उस समय हुई जब एक ट्रेन को प्रभावित...
07:28 PM Sep 24, 2024 IST | Ritu Shaw

Gujarat Railway Track: सूरत के किम रेलवे स्टेशन पर शनिवार को जब यह पता चला कि रेलवे ट्रैक के कई महत्वपूर्ण हिस्से गायब हैं, तो लोगों में अफरातफरी फैल गयी। यह घटना उस समय हुई जब एक ट्रेन को प्रभावित ट्रैक से गुजरना था।

हालांकि, कुछ ही समय बाद साजिश का पर्दाफाश हो गया था और लोगों ने राहत की सांस ली। यह घटना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में डिटोनेटर और रेलवे ट्रैक पर गैस सिलेंडर मिलने के बाद हुई, जिसके बाद राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) जैसी केंद्रीय एजेंसियों ने जांच शुरू की और जिस व्यक्ति ने इसकी सूचना दी वह देखते ही देखते लोगों की नजरों में हीरो बन गया।

क्या है पूरी घटना?

सुबह 5.25 बजे ट्रैकमैन सुभाष पोदार ने रेलवे अधिकारियों को सूचित किया कि उन्होंने देखा कि कई ताले खोले गए हैं और दो फिशप्लेट्स (जो दो रेलवे ट्रैकों को जोड़ती हैं) को हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि वह निगरानी कर रहे थे जब उन्होंने तीन लोगों को ट्रैक के पास देखा, वो चिल्लाने पर भाग गए।

इस घटना से पहले, दिल्ली-मुंबई राजधानी समेत दो ट्रेनें उक्त ट्रैक पर गुजर चुकी थीं और एक अन्य ट्रेन को कोसंबा स्टेशन पर रोका गया था। पोदार ने ट्रैकमैन मनीषकुमार सुरदेव मिस्त्री और ठेका श्रमिक शुभम जायसवाल के साथ मिलकर ट्रैक की मरम्मत की।

शक के घेरे में पोदार

पुलिस और NIA अधिकारियों ने बताया कि पोदार की कहानी में कई खामियां थीं। ट्रेनों के लोको पायलटों ने कुछ भी असामान्य रिपोर्ट नहीं किया, जबकि 'साजिश' के खुलासे से कुछ समय पहले दोनों ट्रेनों ने ट्रैक पार किया था। इसके अलावा, 71 बोल्ट को हटाने में कम से कम दो घंटे का समय लगता है, और यह कार्य करने के लिए अनुभव की आवश्यकता होती है।

ऐसे बनाई साजिश

अधिकारियों ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति लगातार दो घंटे तक ट्रैक पर काम करता है, तो वह नजर में आ सकता है। इसलिए, पोदार, मिस्त्री और जायसवाल ने अंधेरे में 3 बजे के आसपास काम करना शुरू किया और ट्रेनें गुजरते समय छिपते रहे। उन्होंने 4.58 से 5.25 बजे के बीच फिशप्लेट्स हटाकर उन्हें सटे ट्रैक पर रखा और फिर अलार्म बजाया।

कबूला अपना गुनाह

हालांकि, पुलिस और जांच अधिकारियों के आगे ये तीन आरोपी लंबे समय तक टिक नहीं पाए और अपना गुनाह कबूल कर लिया। सभी साक्ष्यों को सामने रखने पर तीनों ने अपराध स्वीकार लिया। उन्होंने बताया कि ऐसा उन्होंने प्रमोशन, पुरस्कार, सोशल मीडिया पर प्रसिद्धि और रात की ड्यूटी जारी रखने में मदद मिले इसके लिए किया। साथ ही एक्स्ट्रा छुट्टी का भी लालच था। फिलहाल, पुलिस ने तीनों को अब हिरासत में लिया है।

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