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Gujarat Governer Kamla Beniwal Death पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल के निधन से शोक की लहर, आज जयपुर में होगा अंतिम संस्कार

Gujarat Governer Kamla Beniwal Death Jaipur जयपुर। राजस्थान कांग्रेस की वयोवृद्ध नेता एवं गुजरात की  पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल का निधन हो गया। 97 साल की कमला बेनीवाल ने जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांसे ली। खाना खाने के...
12:13 PM May 16, 2024 IST | Ranjan Ravi

Gujarat Governer Kamla Beniwal Death Jaipur जयपुर। राजस्थान कांग्रेस की वयोवृद्ध नेता एवं गुजरात की  पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल का निधन हो गया। 97 साल की कमला बेनीवाल ने जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांसे ली। खाना खाने के दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें फोर्टिस अस्पताल लेकर गए, जहां इलाज के दौरान उनका देहांत हो गया। आज जयपुर में उनका अंतिम संस्कार होगा।

कौन थी कमला बेनीवाल

गुजरात की दिवंगत राज्यपाल  कमला बेनीवाल राजस्थान कांग्रेस की सबसे कद्दावर नेताओं में से एक थीं। राजस्थान की राजनीति में कमला बेनीवाल दशकों तक छाई रहीं। राजस्थान की उप मुख्यमंत्री रह चुकी कमला बेनीवाल का राजनीतिक कद बहुत बड़ा था। राजस्थान में सात बार विधायक रहीं कमला बेनीवाल  1977 के चुनावों के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की संयुक्त सचिव, राजस्थान महिला कांग्रेस की अध्यक्ष, राजस्थान कांग्रेस कार्यकारी समिति की सदस्य और राजस्थान प्रदेश चुनाव समिति की सदस्य तो रही हीं , राजस्थान सरकार में गृह, स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि सहित विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों की मंत्री रहीं। कमला बेनीवाल त्रिपुरा, मिजोरम और गुजरात की राज्यपाल भी रह चुकी थीं।

बचपन से पढ़ाई-लिखाई में थीं अव्वल

राजस्थान के  झुंझुनूं जिले के गोरिर गांव में 12 जनवरी 1927 को एक जाट परिवार में जन्मी कमला बेनीवाल बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई और खेलकूद में अव्वल आती थीं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा झुंझुनूं में ली। उसके बाद जयपुर विश्वविद्यालय से अर्थ शास्त्र , राजनीति शास्त्र और इतिहास में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। जयपुर के महाराजा कॉलेज से उन्होंने स्नातकोत्तर की परीक्षा पास की।

घुड़सवारी और तैराकी का भी था शौक

कमला बेनीवाल को  तैराकी और घुड़सवारी का खूब शौक था। बचपन में ही उन्होंने घुड़सवारी और तैराकी के गुर सीख लिए थे। घुड़सवारी और तैराकी के अलावा वो कलाप्रेमी और प्रकृति प्रेमी भी थीं।  इसके अलावा देशप्रेम उनके जीवन में कूट-कूट कर भरा था। 11 वर्ष की आयु में ही कमला ने भारत छोड़ो आन्दोलन में हिस्सा लिया था। इसके लिए देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कमला को ताम्रपत्र से सम्मानित किया था।

राजस्थान की पहली महिला मंत्री बनीं कमला

भारत छोड़ो आन्दोलन में हिस्सा लेने के कारण कमला बेनीवाल की जान-पहचान  देश के कई राजनेताओं से हो गई थी। अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद कमला बेनीवाल सक्रिय राजनीति मे आ गईं। उन्होंने कांग्रेस पार्टी  ज्वाइन कर ली । महज 27 साल की उम्र में कमला बेनीवाल ने 1954 में पहला विधानसभा चुनाव जीत लिया। पहली बार विधायक बनी कमला को राजस्थान सरकार में पहली महिला मंत्री बनने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ । कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत की सरकार में कमला बेनीवाल गृह एवं  कृषि  मंत्रालय समेत कई विभागों की मंत्री रहीं। कमला बेनीवाल राज्य की उप मुख्यमंत्री भी रह चुकी है।

कमला पर एक बार जमीन घोटाले का भी लगा आरोप

कमला बेनीवाल जब राजस्थान की उप मुख्यमंत्री बनी थी उसी समय राज्य के विपक्षी नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने  कमला बेनीवाल समेत कई कांग्रेसी नेताओं पर जयपुर विकास प्राधिकरण की लगभग एक हजार करोड़ रुपए की जमीन को अवैध रूप से बेचने का आरोप लगाया था।  कमला पर  आरोप था कि फर्जी दस्तावेजों पर उन्होंने सस्ते दर पर लोगों को जमीन दे दी। हालांकि जांच में पता चला था कि सहकारिता विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेज बना कर सरकार को गलत जानकारी दी और सरकारी जमीन को बेच दिया।

2009 में कमला बनी गुजरात की राज्यपाल

कमला बेनीवाल का राजनीति में कद बहुत बड़ा था। अपनी सुचितापूर्ण राजनीति के चलते उनकी एक अलग छवि बन गई थी। इसी छवि के कारण 27 नवंबर 2009 को कमला बेनीवाल को  गुजरात का राज्यपाल नियुक्त किया गया। हालांकि इसके पहले कमला त्रिपुरा की गवर्नर बन चुकी थीं। गुजरात की गवर्नर रहते तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंन्द्र मोदी से उनकी अनबन की खबरें आईं। खासकर लोकायुक्त की नियुक्ति के मसले पर उनका नरेन्द्र मोदी से मतभेद जग जाहिर है।

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