Geeta gave her 8th class exam सरकारी नौकरी करना चाहती है गीता, 8 साल पहले लौटी थी पाकिस्तान से
Geeta gave her 8th class exam भोपाल। आठ साल पहले पाकिस्तान से भारत लौटी गीता एक बार फिर सुर्खियों में है। भोपाल के राजा भोज स्कूल में 8वीं की परीक्षा देने पहुंची गीता ने कहा कि पढ़-लिखकर सरकारी ऑफिसर बनना चाहती है और अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाना चाहती है। भोपाल में हमारे संवाददाता सरस्वती चंद्र से गीता ने खास बातचीत की है ।
आठवीं की परीक्षा देने पहुंची थी गीता
आठ साल पहले देश के हर अखबार और टीवी समाचारों की सुर्खियां बटोरने वाली मूक-बधिर लड़की गीता एक बार फिर सुर्खियों में हैं। गीता को अपना परिवार मिल गया तो उसकी जिंदगी की गाड़ी पटरी पर चल पड़ी। अब गीता अपने गरीब परिवार का संबल बनना चाहती है। इसीलिए गीता ने पढ़ाई शुरू की है। मंगलवार को गीता भोपाल में आठवीं की परीक्षा देने पहुंची तो मीडिया की नजर उस पर पड़ी। गीता ने भी अपने भविष्य और वर्तमान के बारे में खूब बातचीत की।
कौन है यह गीता ?
गीता का असली नाम राधा है। 20 साल पहले वह अपने परिवार से बिछड़कर पाकिस्तान पहुंच गई थी। पाकिस्तान रेंजर्स को वह लाहौर रेलवे स्टेशन पर समझौता एक्सप्रेस में अकेली मिली थी। 26 अक्तूबर, 2015 को पूर्व विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज के प्रयासों से मूक-बधिर गीता को भारत लाया गया था। तब सुषमा स्वराज ने उसे देश की बेटी कहा था।
बड़ा ऑफिसर बनना चाहती है गीता
भोपाल में संस्कृत की परीक्षा देने पहुंची गीता ने हमारे संवाददाता सरस्वती चंद्र से बातचीत की। गीता ने बताया कि उसका परिवार बेहद गरीब परिवार है। उसका कहना है कि पढ़-लिखकर अपने परिवार की गरीबी दूर करना उसका लक्ष्य है। परीक्षा पास करके गीता सरकारी नौकरी करना चाहती हैं । बता दें कि गीता मूक और बधिर है।
गीता को खेजने वाले ज्ञानेन्द्र पुरोहित थे साथ में
गौरतलब है कि गीता को खोजने वाले ज्ञानेन्द्र पुरोहित आज भी उसके साथ हैं । उनका कहना है कि सरकार की तरफ से गीता को कोई भी मदद नहीं मिली है । गीता अपनी गरीब मां के साथ रह रही है और वो कहती है कि “सुषमा स्वराज ने उन्हें देश की बेटी कहा था ।वे होतीं तो उसकी मदद हो जाती लेकिन अब खुद संघर्ष करना है और एक मुकाम हासिल करना हैं । ’’
संस्कृत को बताया सबसे कठिन विषय
हमारे संवाददाता सरस्वती चंद्र ने जब पूछा कि उसे कौन सा विषय कठिन लगता है तो उसने बताया कि उसके लिए सबसे कठिन पेपर था संस्कृत । हालांकि उसने बताया कि संस्कृत के सवालों का अच्छे से जवाब दिया है। उसने बताया कि उसकी पढ़ाई आगे जारी रहेगी । आगे वह सरकारी नौकरी करेगी और बड़ा ऑफिसर बनेगी।
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