VP Jagdeep Dhankhad: "भारत की प्रगति को पचा नहीं पा रहीं विरोधी ताकतें" उपराष्ट्रपति धनखड़
VP Jagdeep Dhankhad: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (VP Jagdeep Dhankhad) ने बुधवार को कहा कि भारत की तेजी से हो रही प्रगति कुछ ताकतों को रास नहीं आ रही है, जो देश और विदेश से भारत को कमजोर करने की साजिश रच रही हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश को विभाजित करने और उसकी संस्थाओं का अपमान करने के ऐसे योजनाबद्ध प्रयासों को विफल करना आवश्यक है।
कौशल विकास केंद्र का उद्घाटन समारोह
उपराष्ट्रपति ने एक कौशल विकास केंद्र के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि देश आर्थिक विकास का गवाह बन रहा है और एक बड़ी छलांग लगा रहा है। "एक दशक पहले हमारी अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही थी। आज हम दुनिया में पांचवें स्थान पर हैं और एक या दो साल में तीसरे स्थान पर होंगे।" धनखड़ ने कहा कि "विकसित भारत 2047" अब केवल एक सपना नहीं बल्कि एक लक्ष्य है।
उन्होंने आगे यह भी कहा कि, "यह लक्ष्य निश्चित रूप से प्राप्त किया जाएगा। विकसित बनने की चुनौती यह है कि हमारी प्रति व्यक्ति आय आठ गुना बढ़नी चाहिए। लेकिन इस सब के बाद भी एक चीज़ है- राष्ट्रवाद, देश के प्रति प्रेम। हम भारतीय हैं। हम राष्ट्रवाद पर कभी समझौता नहीं कर सकते। यह राष्ट्रवाद में निहित है कि देश का हर व्यक्ति समृद्ध और खुशहाल हो, और यह तभी संभव है जब हमारी सोच कुटीर उद्योगों, ग्रामीण उद्योगों और लघु उद्योगों की ओर जाए।"
शिक्षा और कौशल भी महत्वपूर्ण
धनखड़ ने इसके साथ ही शिक्षा और कौशल को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, "तीन दशकों की मंथन प्रक्रिया के बाद एक नई शिक्षा नीति बनाई गई है और इसमें कौशल पर बहुत ध्यान दिया गया है।" इसके साथ उन्होंने समाज में संतुलन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "हमारे पास अधिकार हैं। लेकिन अधिकारों के साथ-साथ, हमारे अंदर कर्तव्य का भी भाव होना चाहिए।" उपराष्ट्रपति ने पर्यावरण संरक्षण के लिए भी लोगों को प्रेरित किया।
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