Deported Indians: अमेरिका से भारत आए 104 प्रवासियों ने सुनाई खौफनाक दास्तान, बोले- 'रास्ते में लाशें देखीं'
Deported Indians: अमेरिका से निर्वासित किए गए 104 भारतीय नागरिक बुधवार को अमृतसर पहुंचे। ये सभी लोग बिना वैध दस्तावेजों के अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों द्वारा पकड़े जाने के बाद उन्हें स्वदेश भेज दिया गया। अमेरिकी C-17 सैन्य विमान से लौटे इन प्रवासियों ने अपनी यात्रा की भयावह कहानियां साझा की हैं। पंजाब के एक नागरिक ने बताया कि उसे पहले इटली और फिर लैटिन अमेरिका ले जाया गया।
"हमने मौत को करीब से देखा"
एक यात्री ने बताया, "हमारे कपड़े, जिनकी कीमत ₹30,000-35,000 थी, रास्ते में लूट लिए गए। हमें 15 घंटे नाव में यात्रा करनी पड़ी और फिर 40-45 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा।" उसने आगे कहा, "हमने 17-18 पहाड़ पार किए। अगर कोई फिसल जाता, तो उसका बचना नामुमकिन था। कई लोग घायल हो गए और उन्हें वहीं मरने के लिए छोड़ दिया गया। हमने रास्ते में लाशें देखीं।"
₹30 लाख देकर ठगे गए प्रवासी
पंजाब के ही जस्पाल सिंह ने आरोप लगाया कि एक ट्रैवल एजेंट ने उनसे ₹30 लाख लेकर अमेरिका पहुँचाने का वादा किया था, लेकिन बाद में उन्हें धोखा दिया गया। "मैंने एजेंट से वैध वीजा से भेजने की बात की थी, लेकिन उसने मुझे धोखा दिया।" उन्होंने बताया कि जुलाई 2023 में वह ब्राज़ील पहुंचे थे और एजेंट ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उनकी आगे की यात्रा भी हवाई मार्ग से होगी। लेकिन बाद में उन्हें अवैध रूप से सीमा पार कराई गई। छह महीने ब्राज़ील में रहने के बाद जब उन्होंने अमेरिका में प्रवेश किया, तो उन्हें अमेरिकी बॉर्डर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
भारत सरकार ने जताई चिंता, संसद में उठा मुद्दा
भारत सरकार ने इस मसले को गंभीरता से लिया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर इस मुद्दे पर चर्चा की। इस मुद्दे को लेकर संसद में जोरदार हंगामा हुआ। विपक्षी दलों ने सरकार से जवाब मांगा, जिसके चलते पहले दोनों सदनों की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी और लोकसभा को दोबारा 2 बजे तक के लिए रोक दिया गया।
सूत्रों के मुताबिक, जयशंकर संसद में इस मुद्दे पर बयान दे सकते हैं। वहीं, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी संसद में जयशंकर से मुलाकात की। इस बीच, अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचे इन प्रवासियों से पंजाब पुलिस, राज्य और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने पूछताछ कर यह सुनिश्चित किया कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है। भारत सरकार अब इस मामले की गहन जांच कर रही है और अवैध प्रवास को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की योजना बना रही है।
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