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Delhi Vidhansabha Chunav: शुरुआती रुझानों में अरविंद केजरीवाल अपनी सीट से पिछड़े, परवेश वर्मा आगे

Delhi Vidhansabha Chunav: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आज, 8 फरवरी को चुनाव आयोग द्वारा घोषित किए जा रहे हैं।
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Delhi Vidhansabha Chunav: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आज, 8 फरवरी को चुनाव आयोग द्वारा घोषित किए जा रहे हैं। शुरुआती रुझानों के अनुसार, आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार परवेश वर्मा से पीछे चल रहे हैं।

अरविंद केजरीवाल के लिए अस्तित्व की लड़ाई

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 अरविंद केजरीवाल के लिए सिर्फ एक और चुनाव नहीं है, बल्कि यह उनके राजनीतिक अस्तित्व की सबसे बड़ी परीक्षा है। सितंबर 2024 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद, वह इस चुनाव को 'राजनीतिक परिवारों बनाम आम आदमी' की लड़ाई बता रहे थे। जेल से रिहा होने के बाद, उन्होंने नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़कर वापसी की कोशिश की।

संघर्ष से राजनीति तक का सफर

16 अगस्त 1968 को हरियाणा में जन्मे अरविंद केजरीवाल ने आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और फिर भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में शामिल हुए। लेकिन नौकरशाही की सीमाओं ने उन्हें संतुष्ट नहीं किया, और वे व्यवस्था में बदलाव लाने के लिए राजनीति में आए।

2006 में सूचना का अधिकार (RTI) आंदोलन में उनकी सक्रिय भूमिका के लिए उन्हें रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड मिला। लेकिन वे सिर्फ व्यवस्था के बाहर से सुधार नहीं करना चाहते थे, बल्कि अंदर से बदलाव लाने का सपना देखा। इसी उद्देश्य से उन्होंने 2012 में आम आदमी पार्टी (AAP) की स्थापना की और भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी।

दिल्ली की राजनीति में धमाकेदार एंट्री

अरविंद केजरीवाल की राजनीति में एंट्री किसी सनसनी से कम नहीं थी। 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की दिग्गज नेता और तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराकर सबको चौंका दिया। हालांकि, उनकी सरकार सिर्फ 49 दिनों में गिर गई। लेकिन 2015 में उन्होंने जोरदार वापसी की और 70 में से 67 सीटें जीतकर सत्ता पर कब्जा जमाया। 2020 के चुनाव में भी AAP ने 62 सीटें जीतकर अपनी पकड़ मजबूत रखी।

केजरीवाल की नीतियां—मुफ्त बिजली, बेहतर स्कूल, मोहल्ला क्लीनिक—दिल्ली में उन्हें एक लोकप्रिय नेता के रूप में स्थापित करने में मददगार रहीं।

2024 में गिरफ्तारी और इस्तीफा

मार्च 2024 में दिल्ली की शराब नीति से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई, जिससे वे जेल जाने वाले पहले मौजूदा मुख्यमंत्री बन गए। आम आदमी पार्टी ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया, लेकिन इस केस से केजरीवाल की छवि को नुकसान पहुंचा। छह महीने बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी, लेकिन इसके कुछ ही दिनों बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और सत्ता की कमान शिक्षा मंत्री आतिशी को सौंप दी।

जनता की सहानुभूति और ट्रैक रिकॉर्ड पर भरोसा

इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने जनता की सहानुभूति और अपनी सरकार के कामकाज के दम पर वोट मांगे। हालांकि, शुरुआती रुझानों में उन्हें झटका लगा है और वे अपनी परंपरागत सीट नई दिल्ली से पीछे चल रहे हैं। क्या वे इस चुनाव में वापसी कर पाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा। दिल्ली की जनता के फैसले का अंतिम नतीजा क्या होगा, इस पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं।

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