Delhi Election Results 2025: दिल्ली की जनता किसे देगी जनादेश? 8 फरवरी को होगा फैसला
Delhi Election Results 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे (Delhi Election Results 2025) 8 फरवरी यानी कल घोषित किए जाएंगे, जो राजधानी की राजनीति के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। 5 फरवरी को एक ही चरण में संपन्न हुए इस चुनाव में 70 विधानसभा सीटों पर कुल 1.5 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस चुनाव में कुल 699 उम्मीदवारों ने भाग लिया, जिनमें 603 पुरुष और 96 महिला प्रत्याशी शामिल हैं।
क्या कह रहे हैं एग्ज़िट पोल?
एग्ज़िट पोल के मुताबिक, आम आदमी पार्टी (आप) बहुमत से दूर रह सकती है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सत्ता में वापसी की संभावना जताई जा रही है। कांग्रेस, जो कभी दिल्ली की राजनीति में दबदबा रखती थी, अपनी खोई हुई ज़मीन वापस पाने की कोशिश कर रही है। 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 36 सीटों की जरूरत होगी।
संभावित सीटें (एग्ज़िट पोल अनुमान)
- भाजपा: 35 से 49 सीटें
- आप: 21 से 37 सीटें
- कांग्रेस: 0 से 3 सीटें
प्रमुख उम्मीदवार और हॉट सीटें
चुनाव में कई हाई-प्रोफाइल सीटों पर कांटे की टक्कर देखने को मिली:
नई दिल्ली सीट
- अरविंद केजरीवाल (आप) - मौजूदा मुख्यमंत्री
- प्रवेश वर्मा (भाजपा) - भाजपा के वरिष्ठ नेता
- संदीप दीक्षित (कांग्रेस) - पूर्व सांसद और कांग्रेस के कद्दावर नेता
कालकाजी सीट
- आतिशी (आप) - शिक्षा सुधारों के लिए चर्चित
- अलका लांबा (कांग्रेस) - आप से कांग्रेस में गईं पूर्व विधायक
- रमेश बिधूड़ी (भाजपा) - भाजपा सांसद
शकूर बस्ती सीट
- सत्येंद्र जैन (आप) - पूर्व मंत्री और आप नेता
- करनैल सिंह (भाजपा) - भाजपा प्रत्याशी
वोटों की गिनती और परिणाम घोषणा की प्रक्रिया
- गिनती शुरू: सुबह 7 बजे
- डाक मतपत्रों की गिनती: 8 बजे
- ईवीएम वोटों की गिनती: 8:30 बजे
- अंतिम परिणाम: शाम 6 बजे तक
- नतीजे लाइव अपडेट: चुनाव आयोग की वेबसाइट eci.gov.in और results.eci.gov.in पर उपलब्ध होंगे।
मतगणना के दौरान पारदर्शिता और सुरक्षा के लिए 5,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। प्रत्येक विधानसभा में 5 वीवीपैट मशीनों की यादृच्छिक रूप से जांच की जाएगी।
भाजपा की वापसी या आप की लगातार चौथी जीत?
अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो यह लगभग 27 साल बाद उसकी वापसी होगी। भाजपा ने अपने प्रचार में जल संकट, प्रदूषण और बुनियादी ढांचे जैसे मुद्दों को उठाया। वहीं, आप ने दिल्ली में मुफ्त बिजली, पानी और शिक्षा के मॉडल को अपना प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया।
कांग्रेस ने यमुना जल संकट और भ्रष्टाचार के आरोपों को उछालते हुए वापसी की कोशिश की, लेकिन एग्ज़िट पोल के मुताबिक उसकी संभावनाएं सीमित नजर आ रही हैं।
संभावित नतीजों का प्रभाव
अगर आप सत्ता में वापसी नहीं कर पाती, तो इससे पार्टी की राष्ट्रीय राजनीति में कमजोर स्थिति बन सकती है। वहीं, भाजपा के लिए यह एक बड़ी सफलता होगी। कांग्रेस के लिए मामूली सुधार भी नई ऊर्जा का संकेत होगा। 8 फरवरी को वोटों की गिनती के साथ यह स्पष्ट हो जाएगा कि दिल्ली की जनता ने किसे सत्ता सौंपी है – आप, भाजपा या फिर कोई नया सियासी समीकरण उभरकर सामने आएगा।
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