Delhi AQI: लगातार खराब हो रही है देश की राजधानी की आब-ओ-हवा, सरकार ने निकाला यह उपाय
Delhi AQI: दिल्ली में दिवाली के बाद लगातार नौ दिनों से हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में बनी हुई है। शनिवार को सुबह 9 बजे SAFAR के डेटा के अनुसार, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 358 दर्ज किया गया, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है। तस्वीरों में कर्तव्य पथ पर स्मॉग की मोटी परत दिखाई दी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के 'समीर' ऐप से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, बवाना और न्यू मोती बाग क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में थी, जहां AQI 409 दर्ज किया गया।
न्यूज़ एजेंसी ANI ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें एक ट्रक द्वारा माउंटेड वॉटर स्प्रिंकलर से राजधानी के प्रदूषण को कम करने के प्रयास में पानी की बारीक बूंदें छोड़ी जा रही हैं। यहां देखें वीडियो-
दिल्ली के अन्य क्षेत्रों में AQI का स्तर
दिल्ली के अन्य प्रमुख क्षेत्रों में भी AQI का स्तर बहुत अधिक है। बवाना में 409, अलीपुर में 387, आनंद विहार में 393, द्वारका सेक्टर 8 में 362, आईजीआई एयरपोर्ट पर 344, दिलशाद गार्डन में 220, आईटीओ में 359, मुंडका में 377, नजफगढ़ में 379, न्यू मोती बाग में 411, पटपड़गंज में 389, आरके पुरम में 376, और वजीरपुर में 399 AQI दर्ज किया गया। अक्षरधाम, जो दिल्ली और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग है, वहां AQI 393 दर्ज किया गया, जिसे CPCB ने 'बेहद खराब' श्रेणी में रखा।
AQI की श्रेणियाँ इस प्रकार हैं:
0-50 'अच्छा'
51-100 'संतोषजनक'
101-200 'मध्यम'
201-300 'खराब'
301-400 'बेहद खराब'
401-500 'गंभीर'
ड्रोन मिस्ट स्प्रे कैसे काम करता है?
दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को आनंद विहार में 'ड्रोन आधारित मिस्ट स्प्रे' का परीक्षण किया। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि इन प्रदूषण वाले क्षेत्रों में ड्रोन से पानी की बारीक बूंदें छोड़ी गईं, जिससे हवा में मौजूद प्रदूषकों को कम करने में मदद मिली। ये ड्रोन 15 लीटर तक पानी लेकर उड़ सकते हैं और विशेष रूप से तंग और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में कारगर हैं।
यह परीक्षण 25 सितंबर को शुरू की गई सर्दियों की कार्रवाई योजना का हिस्सा है, जिसमें प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 21 प्रमुख कदम उठाए गए हैं। इस योजना में 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट्स के लिए विशेष योजनाएं बनाई गई हैं, जहाँ प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों को नियंत्रित करने के लिए 13 समन्वय टीमें तैनात की गई हैं। सरकार ने इन क्षेत्रों में धूल को नियंत्रित करने के लिए 80 मोबाइल और 68 स्थिर एंटी-स्मॉग गन भी तैनात की हैं।
दिल्ली वासियों की सेहत पर असर
स्थानीय निवासियों ने बताया कि बढ़ते प्रदूषण से सांस लेने में कठिनाई, सिरदर्द, खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं हो रही हैं। एक निवासी ने कहा, "प्रदूषण एक बड़ी समस्या बन गई है, खासकर बुजुर्गों और स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए।" सर गंगा राम अस्पताल में श्वसन चिकित्सा के उपाध्यक्ष, बॉबी भलोटरा ने कहा कि बढ़ते AQI स्तर और श्वसन संबंधी समस्याओं में वृद्धि के बीच स्पष्ट संबंध है।
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