CM Yogi: आठ वर्षों में 210 करोड़ वृक्षारोपण, योगी सरकार का वन वृद्धि पर ज़ोर
CM Yogi: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम पर राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि पिछले आठ वर्षों में प्रदेश में 210 करोड़ वृक्ष लगाए गए हैं, जिससे शहरीकरण और औद्योगिक विकास के बावजूद वन क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
वृक्षों के संरक्षण पर दिया जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल वृक्षारोपण ही नहीं, बल्कि लगाए गए वृक्षों के संरक्षण पर भी सरकार का विशेष ध्यान है। वृक्षों की जीवित रहने की दर सुनिश्चित करने के लिए उत्तराखंड के देहरादून स्थित वन अनुसंधान संस्थान और छत्तीसगढ़ की एक विश्वविद्यालय को तीसरे पक्ष के रूप में निगरानी के लिए नियुक्त किया गया है। ये संस्थान समय-समय पर वृक्षों के जीवित रहने की दर का मूल्यांकन कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपते हैं।
वृक्षारोपण की उच्च जीवित रहने की दर
योगी आदित्यनाथ ने कहा, "पिछले आठ वर्षों में प्रदेशभर में 210 करोड़ वृक्ष लगाए गए हैं और उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित की गई है। राज्य सरकार द्वारा किए गए वृक्षारोपण की जीवित रहने की दर लगभग 70-75% है, जबकि निजी और स्वैच्छिक संगठनों द्वारा किए गए वृक्षारोपण की जीवित रहने की दर 65-70% के बीच है।" उन्होंने यह भी कहा कि देशभर में वृक्षारोपण की विभिन्न पहलें हुई हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश ने इस दौरान वन क्षेत्र में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है।
तेजी से बढ़ते औद्योगिकीकरण के बीच पर्यावरण संरक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उत्तर प्रदेश में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, नए औद्योगिक प्रोजेक्ट आ रहे हैं और बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का विकास हो रहा है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इन प्रयासों को जारी रखना होगा ताकि कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सके और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया जा सके।
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता
मुख्यमंत्री ने दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण और धुंध पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके लिए जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई उज्ज्वला योजना से वायु गुणवत्ता में कुछ हद तक सुधार हुआ है। इस योजना के तहत 10 करोड़ परिवारों को मुफ्त एलपीजी सिलेंडर दिए गए हैं।
स्वच्छ ऊर्जा अपनाने की अपील
हालांकि, मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि अभी भी कई लोग लकड़ी और कोयला जलाते हैं, जिससे वायु प्रदूषण बढ़ता है। उन्होंने कहा, "जब लकड़ी या कोयला जलाने से धुआं निकलता है, तो इसका सबसे अधिक प्रभाव उन्हीं लोगों पर पड़ता है जो इसके निकट होते हैं। यह सीधे उनकी सेहत, खासकर फेफड़ों और आंखों पर बुरा असर डालता है।" सीएम योगी ने लोगों से स्वच्छ ऊर्जा विकल्प अपनाने और पर्यावरण को बचाने में सहयोग देने की अपील की।
पर्यावरण बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्षा जल संचयन, संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी) और नदियों को प्रदूषण मुक्त रखने जैसे इको-फ्रेंडली उपाय अपनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि सभी नागरिक और संस्थान मिलकर प्रयास करें, तो वायु प्रदूषण और पर्यावरणीय क्षरण को प्रभावी रूप से रोका जा सकता है।
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