CJI DY Chandrachud Retirement: मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ का सुप्रीम कोर्ट में अंतिम कार्यदिवस, याद रखे जाएंगे उनके ये 10 आदेश
CJI DY Chandrachud Retirement: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना अंतिम कार्यदिवस मनाया। उनकी सेवानिवृत्ति 10 नवंबर को निर्धारित है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ का कार्यकाल 2016 में सुप्रीम कोर्ट में उनके न्यायाधीश पद पर नियुक्ति से शुरू हुआ और उन्हें नवंबर 2022 में मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उनके योगदान में प्रमुख निर्णय शामिल हैं जिन्होंने भारतीय कानून को एक नई दिशा दी।
इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट की एक औपचारिक बेंच ने उनके योगदान को सम्मानित किया, जिसमें आगामी मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और मनोज मिश्रा भी शामिल थे। उन्होंने इस अवसर पर कहा, "आपने मुझसे पूछा कि मुझे किस चीज ने प्रेरित किया। यह कोर्ट ही है जिसने मुझे प्रेरित किया, क्योंकि एक भी ऐसा दिन नहीं है जब मुझे ऐसा महसूस हुआ हो कि मैंने कुछ नया नहीं सीखा या समाज की सेवा का अवसर नहीं मिला।"
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के दस ऐतिहासिक निर्णय:
- निजता का अधिकार: 2017 में के.एस. पुत्तस्वामी मामले में नौ न्यायाधीशों की बेंच ने निजता को मौलिक अधिकार घोषित किया, जिसमें न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता के तहत आता है।
- समलैंगिकता का अपराधमुक्तिकरण: 2018 में नवतेज सिंह जौहर मामले में, न्यायालय ने आईपीसी की धारा 377 को निरस्त कर सहमति से समलैंगिक संबंधों को अपराधमुक्त कर दिया।
- व्यभिचार का अपराधमुक्तिकरण: 2018 में जोसेफ शाइन मामले में, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने धारा 497 को निरस्त किया, इसे पितृसत्तात्मक और असंवैधानिक माना।
- सबरीमाला मंदिर प्रवेश: 2018 में, सबरीमाला मामले में, न्यायालय ने महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध को असंवैधानिक करार दिया।
- अयोध्या भूमि विवाद: 2019 में, पांच न्यायाधीशों की बेंच ने विवादित भूमि श्री राम लला विराजमान को सौंपने का निर्णय दिया।
- दिल्ली प्रशासन: दिल्ली बनाम केंद्र सरकार मामले में दिल्ली सरकार को कार्यकारी शक्तियां प्रदान की गईं, जिसे CJI चंद्रचूड़ ने समर्थित किया।
- समलैंगिक विवाह: 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को वैध करने से इनकार कर दिया, लेकिन ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को विषमलैंगिक विवाह की अनुमति दी।
- अनुच्छेद 370 का निरस्तीकरण: 2023 में, जम्मू और कश्मीर से विशेष दर्जा हटाने का फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंजूर किया गया।
- इलेक्टोरल बॉन्ड योजना: 2024 में, सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को अवैध करार दिया, इसे मतदाताओं के सूचना के अधिकार का उल्लंघन बताया।
- अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणियों में उपवर्गीकरण: 2024 में, राज्यों को अनुसूचित जाति और जनजातियों के उपवर्गीकरण की अनुमति दी गई।
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के कार्यकाल ने समाज और न्याय प्रणाली पर एक अमिट छाप छोड़ी है, जिसे हमेशा याद किया जाएगा।
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