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CBSE 2026 Board Exam: 2026 से 2 बार होगी दसवीं की बोर्ड परीक्षा, वैश्विक पाठ्यक्रम भी होगा शामिल

CBSE 2026 Board Exam: शिक्षा प्रणाली में सुधार करते हुए सीबीएससी ने 2026 से कक्षा 10 के लिए दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की है।
02:54 PM Feb 19, 2025 IST | Ritu Shaw

CBSE 2026 Board Exam: कोविड महामारी के प्रभावों के बीच शिक्षा प्रणाली में सुधार करते हुए, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2026 से कक्षा 10 के लिए साल में दो बार बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की है। इसके साथ ही, 2026-2027 से 260 विदेशी स्कूलों के लिए सीबीएसई वैश्विक पाठ्यक्रम (CBSE Global Curriculum) भी पेश किया जाएगा।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सीबीएसई, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT), केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) और नवोदय विद्यालय समिति (NVS) के अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की। इस बैठक में परीक्षा सुधारों से जुड़े प्रस्तावों पर गहन चर्चा हुई। आगामी सोमवार को इन प्रस्तावों को सार्वजनिक परामर्श के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।

छात्रों के लिए अधिक अवसर और कम तनाव

सीबीएसई के इस नए सुधार के तहत छात्रों को साल में दो बार परीक्षा देने का अवसर मिलेगा, जिसमें वे अपनी सर्वश्रेष्ठ प्राप्तांक वाली परीक्षा का स्कोर रख सकते हैं। यह सुधार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप है, जो अधिक लचीली और छात्र-केंद्रित शिक्षा प्रणाली पर जोर देती है।

एक शिक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, “इस पहल का उद्देश्य छात्रों को एक ही परीक्षा के दबाव से मुक्त करना है और उन्हें अपने प्रदर्शन को सुधारने का अवसर देना है। इसके माध्यम से एक अधिक सहयोगी और समावेशी शिक्षण वातावरण तैयार किया जाएगा, जो रटने की प्रवृत्ति के बजाय अवधारणात्मक समझ पर जोर देगा।”

प्रतियोगिता आधारित मूल्यांकन पर जोर

इस नई नीति के तहत पारंपरिक परीक्षा प्रणाली को अधिक प्रतिस्पर्धात्मक और कौशल-आधारित मूल्यांकन में परिवर्तित किया जाएगा। अब परीक्षाओं का स्वरूप अधिक समग्र होगा, जिससे छात्रों को कौशल विकसित करने और अपनी क्षमताओं को बढ़ाने का मौका मिलेगा।

एक अधिकारी ने बताया, “सीबीएसई अब छात्रों को अपनी क्षमताओं को बेहतर करने और आत्म-सुधार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित कर रहा है। यह मॉडल वैश्विक शिक्षा प्रणाली से मेल खाता है, जैसे कि अमेरिका में SAT परीक्षा प्रणाली, जो छात्रों को कई बार परीक्षा देने और अपनी सर्वश्रेष्ठ स्कोर प्रस्तुत करने की अनुमति देती है।”

समावेशी शिक्षा प्रणाली की ओर एक कदम

यह नीति उन छात्रों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगी, जो परीक्षा तनाव, बीमारी या अन्य व्यक्तिगत कारणों से प्रभावित होते हैं। कई अवसर प्रदान करने से सभी छात्रों को अपनी योग्यता प्रदर्शित करने का समान अवसर मिलेगा। सीबीएसई इस नए मूल्यांकन मॉडल को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भी वृद्धि कर रहा है, जिससे शिक्षक और छात्र दोनों इस बदलाव के लिए तैयार हो सकें।

वैश्विक पाठ्यक्रम की शुरुआत

इसके अतिरिक्त, 2026-2027 से सीबीएसई अपने वैश्विक पाठ्यक्रम को लागू करने जा रहा है, जो विशेष रूप से विदेशी स्कूलों के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह पाठ्यक्रम भारतीय मूल्यों और विषयों को समाहित करेगा, जिससे विदेशी छात्र भारतीय शिक्षा प्रणाली के महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत हो सकें।

शिक्षा मंत्री प्रधान ने इस सुधार को महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा, “परीक्षा सुधार छात्रों को तनावमुक्त शिक्षा देने की दिशा में एक अहम कदम है। यह नया प्रारूप परीक्षा से जुड़े मानसिक तनाव को कम करेगा और छात्रों के लिए एक संतुलित मूल्यांकन प्रणाली सुनिश्चित करेगा।”

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