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Women Atrocity case in WB Rajbhavan राज्यपाल बोले -आज 100 लोगों को दिखाऊंगा CCTV फुटेज

Women Atrocity case in WB Rajbhavan Kolkata कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर लगा महिला उत्पीड़न का मामला तूल पकड़ने लगा है। राज्यपाल इस मामले से जुड़े राजभवन की सीसीटीवी फुटेज 100 लोगों को दिखाने पर राजी...
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Women Atrocity case in WB Rajbhavan Kolkata कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर लगा महिला उत्पीड़न का मामला तूल पकड़ने लगा है। राज्यपाल इस मामले से जुड़े राजभवन की सीसीटीवी फुटेज 100 लोगों को दिखाने पर राजी हो गए हैं। हालांकि,उन्होंने कहा है कि वे राजभवन की सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग ममता बनर्जी और कोलकाता पुलिस को नहीं दिखाएंगे।

क्या है पूरा मामला

दरअसल  पश्चिम बंगाल के राजभवन में निविदा पर काम करने वाली एक महिला ने 3 मई को गवर्नर बोस के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराई थी। महिला का आरोप है कि वह 24 मार्च को स्थायी नौकरी का निवेदन लेकर बोस के पास गई थी। तब सीवी बोस ने उनके साथ बदसलूकी की थी। इसके बाद कोलकाता पुलिस ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी। जांच के दौरान पुलिस ने राजभवन से सीसीटीवी फुटेज शेयर करने की अपील की । उधर राज्यपाल ने अपने कर्मचारियों को इस केस में पुलिस के साथ सहयोग नहीं करने को कह दिया है।

राज्यपाल आज दिखाएंगे CCTV फुटेज

बताते चलें कि बुधवार को राजभवन के एक्स  हैंडल पर पोस्ट किया गया। पोस्ट में लिखा गया है कि “ पुलिस के खिलाफ सच के सामने कार्यक्रम शुरू किया है। जो लोग राजभवन में कार्यक्रम में शामिल होना चाहते हैं वे ईमेल या फोन पर अपनी रिक्वेस्ट भेज सकते हैं। पहले 100 लोगों को गुरुवार की सुबह राज्यपाल के घर के अंदर के फुटेज देखने की अनुमति दी जाएगी।’’राज्यपाल ने फैसला किया है कि फुटेज कोई भी देख सकता है, सिवाय राजनेता ममता बनर्जी और उनकी पुलिस के।

राज्यपाल का सीएम ममता पर  गंदी राजनीति करने का आरोप

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बोस ने अपने उपर लगे आरोप को बेतुका नाटक बताया है। उन्होंने महिलाओं के उत्पीड़न के आरोप को टीएमसी की साजिश बता कर सिरे से खारिज किया है।  6 मई को गवर्नर  ने कहा- “मैं दीदीगिरी बर्दाश्त नहीं करूंगा। ममता बनर्जी राज्य में गंदी राजनीति कर रही है।”

राज्यपाल पर आपराधिक मामला नहीं चल सकता 

गौरतलब है कि महिला की शिकायत के बावजूद राज्यपाल बोस के खिलाफ अभी तक यौन उत्पीड़न की धाराओं में केस दर्ज नहीं हुआ है। नियम कहते हैं कि संविधान की धारा 361 के तहत राज्यपाल को अतिरिक्त शक्ति प्रदान की गई है। इसके अनुसार पद पर रहते हुए उनके खिलाफ आपराधिक मामला नहीं चलाया जा सकता है। अब पश्चिम बंगाल पुलिस कानूनी सलाह लेने में जुटी है।

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