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CAG Report: CAG रिपोर्ट से हुआ खुलासा, शराब नीति में 2002 करोड़ रुपये का घोटाला?

CAG Report: दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और AAP की नेता आतिशी ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में हुए खुलासों पर प्रतिक्रिया दी।
05:22 PM Feb 25, 2025 IST | Ritu Shaw

CAG Report: मंगलवार को दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में हुए खुलासों पर प्रतिक्रिया दी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार की पिछली शराब नीति के कारण राष्ट्रीय राजधानी को 2002 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।

आतिशी ने रिपोर्ट का बचाव करते हुए दावा किया कि इस ऑडिट दस्तावेज़ ने पुरानी शराब नीति के तहत हुए भ्रष्टाचार को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों को नुकसान इसलिए हुआ क्योंकि पड़ोसी राज्यों से अवैध रूप से शराब लाई जा रही थी।

बीजेपी ने साधा AAP पर निशाना

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस रिपोर्ट को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी की "काली करतूतों" का पर्दाफाश बताया। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, "यह CAG रिपोर्ट अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और AAP की लूट और घोटाले को उजागर करती है। यह बताती है कि AAP ने कैसे दिल्ली के लोगों को लूटा और घोटाला किया... उन्होंने आवासीय और धार्मिक स्थलों पर शराब की दुकानें खोल दीं।"

CAG रिपोर्ट में क्या कहा गया?

दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा पेश की गई इस रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली सरकार की पिछली शराब नीति और उसके कार्यान्वयन में खामियों के कारण यह घाटा हुआ। रिपोर्ट में कहा गया, "ऑडिट में पाया गया कि कमजोर नीति ढांचे से लेकर नीति के अपर्याप्त कार्यान्वयन तक कई कारणों से लगभग 2002.68 करोड़ रुपये का कुल नुकसान हुआ।"

आतिशी ने कहा कि इस रिपोर्ट से AAP के पुराने आरोपों की पुष्टि होती है कि पुरानी शराब नीति के तहत शराब व्यापार में भ्रष्टाचार था। उन्होंने कहा, "इस रिपोर्ट में दिखाया गया है कि शराब की बिक्री में 28 प्रतिशत से अधिक भ्रष्टाचार था, और यह पैसा बिचौलियों की जेब में जा रहा था। यह रिपोर्ट दिखाती है कि शराब की ब्लैक मार्केटिंग हो रही थी और सभी जानते थे कि किस पार्टी के लोगों के पास शराब के ठेके थे।"

नई शराब नीति क्यों हुई थी रद्द?

2022 में दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने नई शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार की जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद इसे रद्द कर दिया गया था। अब इस नई रिपोर्ट ने एक बार फिर दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है।

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