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पापा ने दे दी जान , मम्मी-मामा और नानी गिरफ्तार…अब कहां रहेगा अतुल सुभाष का बेटा व्योम?

Atul Subhash Case: अतुल सुभाष के आत्महत्या मामले में बेंगलुरु पुलिस ने उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया और अन्य दो रिश्तेदारों को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। Atul Subhash...
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Atul Subhash Case: अतुल सुभाष के आत्महत्या मामले में बेंगलुरु पुलिस ने उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया और अन्य दो रिश्तेदारों को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। Atul Subhash Case) लेकिन अब एक और गंभीर सवाल सामने आ रहा है—अतुल का मासूम बेटा व्योम किसके पास रहेगा? चूंकि उसकी मम्मी, नानी और मामा को भी गिरफ्तार किया गया है, ऐसे में उसकी कस्टडी किसे मिलेगी? आइए जानते हैं कि व्योम का भविष्य अब किसके साथ होगा और उसकी देखभाल कौन करेगा।

कस्टडी से जुड़े भारतीय कानून के नियम

भारत में बच्चों की कस्टडी को लेकर कई महत्वपूर्ण कानून हैं, जो तय करते हैं कि किसे कस्टडी मिलनी चाहिए। खासतौर पर तब जब बच्चा 5 साल से कम उम्र का हो, तब अक्सर कस्टडी मां को दी जाती है। अतुल के बेटे व्योम की उम्र साढ़े चार साल है, और ऐसे में उसकी कस्टडी को लेकर कानूनी प्रक्रियाएं बेहद महत्वपूर्ण हो जाती हैं।

5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कस्टडी: आमतौर पर, यदि बच्चे की उम्र 5 साल से कम हो, तो कस्टडी मां को दी जाती है। अतुल के बेटे की उम्र इस श्रेणी में आती है, और अगर अदालत को ऐसा लगे कि मां बच्चे की देखभाल के लिए उपयुक्त है, तो कस्टडी उसे दी जा सकती है।

यदि बच्चा 5 साल से अधिक है: अगर बच्चा 5 साल से अधिक है, तो अदालत बच्चे की कस्टडी माता-पिता में से किसी एक को दे सकती है। इसके अलावा, अगर अदालत को लगता है कि मां बच्चे की देखभाल करने में सक्षम नहीं है, तो कस्टडी पिता को या किसी अन्य रिश्तेदार को दी जा सकती है।

तीसरे व्यक्ति की कस्टडी का दावा: अगर कोई तीसरा व्यक्ति कस्टडी का दावा करता है, तो उसे अदालत में यह साबित करना होगा कि यह बच्चे के हित में है। अतुल ने अपनी सुसाइड वीडियो में अपनी पत्नी, सास और साले पर गंभीर आरोप लगाए थे और यह कहा था कि वह अपने बेटे से मिल नहीं पा रहे थे।

अतुल की अंतिम इच्छा और कस्टडी का मामला

अतुल ने अपनी आत्महत्या से पहले अपनी अंतिम इच्छा जाहिर की थी कि बेटे व्योम की कस्टडी उनके माता-पिता को दी जाए। लेकिन कानूनी दृष्टिकोण से यह संभव होगा या नहीं, यह अदालत के फैसले पर निर्भर करेगा। चूंकि व्योम की उम्र 5 साल से कम है, तो भारतीय कानून के मुताबिक उसकी कस्टडी आम तौर पर मां को दी जाती है। लेकिन चूंकि निकिता सिंघानिया, अतुल की पत्नी, गिरफ्तार हो चुकी हैं, तो यह सवाल उठता है कि क्या अदालत उसकी कस्टडी में बदलाव करेगी।

सुसाइड नोट और गिरफ्तारी के बाद की स्थिति

अतुल के भाई विकास मोदी ने 10 दिसंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसके आधार पर 14 दिसंबर को बेंगलुरु पुलिस ने निकिता सिंघानिया, उसकी मां निशा और भाई अनुराग को गिरफ्तार कर लिया। मामले में चौथे आरोपी निकिता के चाचा सुशील सिंघानिया की गिरफ्तारी अभी बाकी है। अब यह देखना होगा कि अदालत इस स्थिति में क्या फैसला करती है और व्योम की कस्टडी किसे मिलती है।

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