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'मैं सपने में भी आंबेडकर का अपमान नहीं कर सकता', अमित शाह बोले - खोखला है कांग्रेस का संविधान प्रेम

Amit Shah: भारत में राजनीतिक क्षेत्र में अक्सर बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप होते रहते हैं, और हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के उन आरोपों पर तीखा पलटवार किया है, जिसमें पार्टी ने अंबेडकर के अपमान का आरोप...
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Amit Shah: भारत में राजनीतिक क्षेत्र में अक्सर बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप होते रहते हैं, और हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के उन आरोपों पर तीखा पलटवार किया है, जिसमें पार्टी ने अंबेडकर के अपमान का आरोप लगाया था।(Amit Shah) शाह ने कहा कि कांग्रेस ने संसद में हुई चर्चा के तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया है और इसका उद्देश्य केवल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पक्ष से पेश किए गए तथ्यों को कमजोर करना था। इस पर अमित शाह ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पार्टी अंबेडकर विरोधी, आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी है। साथ ही, उन्होंने कांग्रेस के इतिहास पर भी सवाल उठाए, जिसमें सावरकर का अपमान, आपातकाल के दौरान संविधान का उल्लंघन, और न्यायपालिका एवं सेना के शहीदों का अपमान किया जाने का उल्लेख किया।

 अंबेडकर के प्रति अपमान के आरोप

गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि पार्टी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ चुनावी साजिशें रचीं और उन्हें हराने के लिए विशेष प्रयास किए। शाह ने कहा कि जहां कांग्रेस के नेताओं ने खुद को भारत रत्न से नवाजा, वहीं बाबा साहेब को यह सम्मान उस समय मिला जब कांग्रेस सत्ता में नहीं थी। इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अंबेडकर को भारत रत्न न मिलने के लिए लगातार कोशिशें की।

कांग्रेस ने मेरे बयान को तोड़ा-मरोड़ा

अमित शाह ने यह भी कहा कि उनका बयान कांग्रेस द्वारा जानबूझकर तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया, "मैं उस पार्टी से आता हूं जो कभी अंबेडकर का अपमान नहीं कर सकती।" शाह के अनुसार, कांग्रेस ने उनके बयान को संदर्भ से बाहर निकालकर जनता में भ्रम फैलाने की साजिश की। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के पास उनके आरोपों का जवाब नहीं था, इसलिए उसने उनके शब्दों को विकृत कर पेश किया।

मंडल आयोग का ठंडा बस्ते में जाना

अमित शाह ने कांग्रेस के इतिहास को उजागर करते हुए बताया कि पार्टी ने हमेशा आरक्षण का विरोध किया। उन्होंने याद दिलाया कि जब 1980 में मंडल आयोग की रिपोर्ट आई, तो कांग्रेस ने उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। केवल 1990 में, जब गैर-कांग्रेसी सरकार आई, तब जाकर रिपोर्ट को लागू किया गया। शाह ने बताया कि इस दौरान राजीव गांधी ने ओबीसी आरक्षण के खिलाफ कड़ा विरोध किया था, जो कांग्रेस के आरक्षण विरोधी रुख को स्पष्ट करता है।

राज्यसभा में रिकॉर्ड से स्पष्ट बयान

अमित शाह ने कांग्रेस को चुनौती दी कि वह उनका पूरा बयान राज्यसभा के रिकॉर्ड से दिखाए। उन्होंने कहा, "मेरा बयान रिकॉर्ड में है, और कांग्रेस ने इसे केवल आधा दिखाकर भ्रांति फैलाने की कोशिश की है।" शाह ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी अंबेडकर के विचारों और उनके योगदान का सम्मान करती है, और कांग्रेस के इस कुत्सित प्रयास की वे कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी किसी भी हालत में बाबा साहेब का अपमान नहीं कर सकती, क्योंकि वे जानते हैं कि दलितों और वंचितों को न्याय दिलाने में अंबेडकर का योगदान अतुलनीय है।

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