राजस्थानराजनीतिनेशनलअपराधकाम री बातम्हारी जिंदगीधरम-करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बात

Allahabad High Court Verdict: पायजामा की डोरी तोड़ना और छेड़छाड़ 'रेप की कोशिश' नहीं मानी जाएगी: हाईकोर्ट

Allahabad High Court Verdict: पीड़िता के स्तन पकड़ना, उसकी पायजामे की डोरी तोड़ना रेप या रेप के प्रयास की श्रेणी में नहीं आता- इलाहाबाद HC
01:42 PM Mar 20, 2025 IST | Ritu Shaw

Allahabad High Court Verdict: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि पीड़िता के स्तन पकड़ना, उसकी पायजामे की डोरी तोड़ना और पाइप के नीचे खींचने की कोशिश करना रेप या रेप के प्रयास की श्रेणी में नहीं आता। अदालत ने इस मामले में निचली अदालत द्वारा आरोपित धारा 376 आईपीसी (बलात्कार) और पॉक्सो एक्ट की धारा 18 को हटाते हुए आरोपों में संशोधन किया है।

यह फैसला जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की एकल पीठ ने सुनाया। कोर्ट ने कहा कि आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354-बी (महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल प्रयोग) और पॉक्सो एक्ट की धारा 9/10 (गंभीर यौन शोषण) के तहत मुकदमा चलेगा।

अदालत की महत्वपूर्ण टिप्पणी

कोर्ट ने कहा, "आरोपियों पवन और आकाश के खिलाफ लगाए गए आरोप और केस की परिस्थितियां रेप के प्रयास का अपराध नहीं बनाती हैं। किसी भी अपराध के प्रयास की श्रेणी में आने के लिए यह साबित करना जरूरी है कि आरोपी तैयारी की अवस्था से आगे बढ़ चुका था और अपराध करने का पक्का इरादा रखता था।"

कोर्ट ने आगे कहा, "तैयारी और अपराध के प्रयास में फर्क मुख्य रूप से अपराध करने के पक्के इरादे में होता है। इस केस में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जो यह साबित करे कि आरोपी बलात्कार करने के लिए पूरी तरह दृढ़ निश्चय था।"

घटना का विवरण

मामला एक 11 वर्षीय बच्ची से जुड़ा है। आरोप है कि आकाश ने बच्ची को पाइप के नीचे खींचने की कोशिश की और उसकी पायजामे की डोरी तोड़ दी। वहीं, दोनों आरोपियों ने पीड़िता के स्तनों को पकड़ा। हालांकि, किसी भी गवाह ने यह नहीं कहा कि इस हरकत से बच्ची पूरी तरह नग्न हो गई या आरोपियों ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की। गवाहों के बीच में आ जाने के बाद आरोपी मौके से भाग गए। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के समन आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि अब आरोपियों के खिलाफ नई धाराओं के तहत समन जारी किया जाए।

यह भी पढ़ें: Train Stone Pelting: रेलवे पर पत्थरबाजी का कहर, मरम्मत में खर्च हुए 5.79 करोड़ रुपये

Tags :
Allahabad HCAllahabad high courtAllahabad High Court VerdictAttempt To RapeJustice Ram Manohar Narayan MishraPOCSO Act
Next Article