Ajmer Dhai Din Ka Jhonpra: 'अढ़ाई दिन का झोपड़ा' पर महासंग्राम, सैयद सरवर चिश्ती के कथित ऑडियो पर गरमाई राजनीति
Ajmer Dhai Din Ka Jhonpra Controversy अजमेर: जैन मुनि सुनील सागर जी महाराज और उनके शिष्य सहित विश्व हिंदू परिषद के लोगों द्वारा अढ़ाई दिन के झोपड़े के निरीक्षण का मुद्दा गरमाने लगा है। जैन मुनि सुनील सागर जी महाराज ने अढ़ाई दिन के झोपड़े में जैन मंदिर होने का दावा किया है. वहीं, इसी बीच इस पूरे मामले में जैन मुनि के बयान के बाद अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद सरवर चिश्ती का एक कथित ऑडियो वायरल हो रहा है।
सैयद सरवर चिश्ती का कथित ऑडियो वायरल
अजमेर दरगाह के अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने कथित वायरल ऑडियो में कहा है, "मैंने सीआई साहब नरेंद्र जाखड़ को ढाई दिन के झोपड़े की बात नोटिफाई करा दी है। बिना कपड़े पहने ये लोग ढाई दिन के झोपड़े के अंदर कैसे गए। अंदर मस्जिद थी। इसपर सीआई साहब ने कहा कि उन्हें मस्जिद के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया। मैंने कहा ये बात गलत हो रही है, कभी गरीब नवाज की शान में गुस्ताखी हो रही है। यह आज तक तो कभी आए नहीं हैं, फिर कहते हैं कि कभी यहां संस्कृत विद्यालय था। मैंने अपना ऐतराज दर्ज करा दिया है। मैंने अपना फर्ज पूरा करते हुए नरेंद्र साहब को मैंने अपना ऐतराज दर्ज कराया, उन्होंने आश्वासन दिया बेफिक्र रहिए। बिना कपड़े के वो लोग पहुंच गए। मैंने साइलेंट प्रोटेस्ट दर्ज करा दिया है।"
सैयद सरवर चिश्ती पर भड़के अजमेर नगर निगम के उपमहापौर
अजमेर नगर निगम के उपमहापौर नीरज जैन ने कहा है, "सर तन से जुदा करने वालों का समर्थन करने वाले, हमारे देवी-देवताओं पर जिनके बेटे ने उंगली उठाई उनपर आपत्तिजनक टिप्पणी की और पाकिस्तान के प्रति जो अपना प्रेम दिखाते हैं उन्हें हमारे साधु-संतों पर सवाल उठाने का कोई हक नहीं है। सरवर चिश्ती ने जो आपत्ति दर्ज कराई है वो देखें कि जैन जो हमारे आस्था के प्रतीक हैं उनके संस्कृत विद्यालय और वहां जो प्रतिमा है उसे खंडित करके आततायियों ने जिस तरह से कृत्य किया उन्हें इस पर तकलीफ नहीं होनी चाहिए। साधु संतों पर मर्यादा के विपरीत किसी तरह का कोई सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है।"
जैन मुनि सुनील सागर ने क्या कहा?
गौर रहे कि अजमेर दौरे पर पहुंचे जैन मुनि सुनील सागर (Ajmer Dhai Din Ka Jhonpra Controversy) ने कहा, "बिना किसी उपद्रव के आपसी सहमति और समझदारी से ऐसे मसलों पर चर्चा होनी चाहिए। जो चीजें जैसे पहले रहीं हैं, उनको वापस वैसा किया जाए। जहां स्वतंत्र भूमि पर मस्जिद हैं, वहां किसी तरह की कोई दिक्कत की बात नहीं है। अगर, मंदिर डिस्टर्ब कर निर्माण किया गया है तो वहां फिर से मंदिर का निर्माण होना चाहिए।"
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