Acharya Satyendra Das Demise: रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास नहीं रहे, ब्रेन स्ट्रोक के बाद निधन
Acharya Satyendra Das Demise: राम जन्मभूमि मंदिर के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SGPGIMS) में निधन हो गया। वह 83 वर्ष के थे। अस्पताल प्रशासन द्वारा जारी प्रेस बयान के अनुसार, उन्हें 3 फरवरी को न्यूरोलॉजी वार्ड के HDU में भर्ती कराया गया था।
2 फरवरी को ब्रेन स्ट्रोक आने के बाद उनकी हालत गंभीर हो गई थी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 4 फरवरी को SGPGIMS जाकर आचार्य सत्येंद्र दास के स्वास्थ्य की जानकारी ली थी।
आध्यात्मिक जीवन की यात्रा
आचार्य सत्येंद्र दास ने महज 20 वर्ष की उम्र में आध्यात्मिक मार्ग को अपना लिया था और अपना पूरा जीवन धार्मिक सेवा को समर्पित कर दिया। 6 दिसंबर 1992 को जब बाबरी मस्जिद का विध्वंस हुआ था, तब वह राम जन्मभूमि मंदिर के प्रधान पुजारी थे। उन्होंने पहले रामलला की मूर्तियों को पास के फकीरे मंदिर में स्थापित किया था और बाद में अस्थायी मंदिर में पुनः स्थापित किया। हाल ही में 11 जनवरी को उन्होंने अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह की पहली वर्षगांठ मनाई थी और इसे एक "अत्यंत सुंदर" उत्सव बताया था।
स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियाँ
आचार्य सत्येंद्र दास लंबे समय से डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे। ब्रेन स्ट्रोक के बाद उन्हें पहले अयोध्या के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन स्थिति बिगड़ने पर उन्हें लखनऊ के SGPGI रेफर किया गया।
मीडिया और डॉक्यूमेंट्री में उपस्थिति
आचार्य सत्येंद्र दास अयोध्या के मंदिर निर्माण और धार्मिक मामलों को लेकर मीडिया से जुड़े रहते थे। 2024 में आई डॉक्यूमेंट्री "द बैटल ऑफ अयोध्या" में भी उन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी, जिसमें अयोध्या विवाद के विभिन्न पहलुओं को दिखाया गया है। उनके निधन से अयोध्या और समूचे हिंदू समाज में शोक की लहर है। धार्मिक जगत ने इसे एक अपूरणीय क्षति बताया है।
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