राजस्थानराजनीतिनेशनलअपराधकाम री बातम्हारी जिंदगीधरम-करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बात

Study on Fish Oil: मछली के तेल से हृदय संबंधी बीमारियों और स्ट्रोक का बढ़ सकता है खतरा, स्टडी में हुआ खुलासा

Study on Fish Oil: मछली के तेल को आमतौर पर खाने के लिए सुरक्षित माना जाता रहा है। मछली का (Study on Fish Oil) तेल ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक समृद्ध स्रोत है। डॉक्टर भी सप्ताह में एक से दो...
12:33 PM May 22, 2024 IST | Preeti Mishra
(Image Credit: Social Media)

Study on Fish Oil: मछली के तेल को आमतौर पर खाने के लिए सुरक्षित माना जाता रहा है। मछली का (Study on Fish Oil) तेल ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक समृद्ध स्रोत है। डॉक्टर भी सप्ताह में एक से दो बार फिश आयल खाने की सलाह देते हैं। लेकिन अब एक स्टडी के अनुसार मछली के तेल को ज्यादा सेफ नहीं माना जा रहा है। एक अध्ययन के अनुसार, मछली के तेल की खुराक से किसी व्यक्ति में हृदय रोग या स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि, यह उन लोगों के लिए लाभदायक हो सकता है जिन्हें पहले से ही हृदय रोग है।

यह पता लगाने के लिए कि फिश आयल (Study on Fish Oil) कितना सुरक्षित है, चीन, अमेरिका, यूके और डेनमार्क के शोधकर्ताओं की एक टीम ने मछली के तेल और अनियमित दिल की धड़कन, दिल का दौरा और स्ट्रोक के बीच संबंधों का अनुमान लगाने के लिए औसतन 12 वर्षों तक यूके बायोबैंक में 400,000 से अधिक प्रतिभागियों के स्वास्थ्य की निगरानी की।

क्या कहता है अध्ययन

बीएमजे मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों को निगरानी अवधि की शुरुआत में कोई हृदय रोग नहीं था, उन्हें मछली के तेल की खुराक के नियमित उपयोग से अनियमित दिल की धड़कन विकसित होने का खतरा 13% और स्ट्रोक होने का जोखिम 5% बढ़ गया था। लेकिन अध्ययन की अवधि की शुरुआत में जिन्हे हार्ट संबंधी परेशानी थी, मछली के तेल की खुराक लेने के बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ने का खतरा 15% कम हो गया। वहीं ऐसे लोगों की दिल की विफलता से होने वाली मृत्यु का खतरा भी 9% कम हो गया। अध्ययन में कहा गया है कि स्वस्थ रोगियों में दिल का दौरा, स्ट्रोक या दिल की विफलता का जोखिम महिलाओं में 6% अधिक और धूम्रपान न करने वालों में 6% अधिक था। वृद्ध लोगों और मौजूदा हृदय रोग वाले पुरुषों के लिए भी मछली तेल का प्रभाव अधिक लाभकारी था। इन लोगों में अच्छे स्वास्थ्य से मृत्यु तक संक्रमण का जोखिम क्रमशः 11% और 7% कम था।

यह एक अवलोकनात्मक अध्ययन था

जानकारी के अनुसार यह एक अवलोकनात्मक अध्ययन था इसलिए कारण कारकों के बारे में कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है। इससे पहले मछली के तेल की खुराक या फॉर्मूलेशन पर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं थी। अध्ययन के अधिकांश प्रतिभागी श्वेत थे इसलिए इसके निष्कर्ष अन्य लोगों पर लागू नहीं हो सकते हैं। अध्ययन के अनुसार, पारंपरिक भूमध्यसागरीय आहार, दिल के दौरे या स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है। इसमें मछली, कम लाल मांस, साथ ही प्रचुर मात्रा में फल और सब्जियां, बीन्स, दाल, नट्स, बीज और साबुत अनाज का सेवन शामिल हैं।

यह भी पढ़ें: Meditation Benefits: मेडिटेशन के हैं अद्भुत स्वास्थ्य लाभ, जानें इसे करने का सही तरीका

Tags :
BMJ MedicineFish OilFish Oil ReactionsHealth NewsHealth News in hindiHealth News ott indiaHealth News Rajasthan FirstStudy on Fish Oilबीएमजे मेडिसिन जर्नलमछली का तेल
Next Article