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Sign Of Mineral Deficiency: क्या आपके शरीर में भी है मिनरल की कमी, उसे ऐसे करें दूर

शरीर के लिए जरुरी मिनरल कैल्शियम की कमी के कई संकेत हो सकते हैं। जैसे कमजोर और भंगुर नाखून, मांसपेशियों में ऐंठन, उंगलियों में सुन्नता या झुनझुनी कमजोर हड्डियां ऑस्टियोपोरोसिस
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Sign Of Mineral Deficiency: खनिज विभिन्न शारीरिक कार्यों के लिए आवश्यक पोषक तत्व हैं, जिनमें स्वस्थ हड्डियों, तंत्रिका कार्य और मेटाबोलिज्म को बनाए रखना शामिल है। खनिजों (Sign Of Mineral Deficiency) की कमी से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं और संतुलन बहाल करने के लिए लक्षणों की शीघ्र पहचान करना महत्वपूर्ण है। आइये जानते हैं खनिज की कमी के सामान्य लक्षणों और उन्हें प्रभावी ढंग से कैसे ठीक किया जाए।

कैल्शियम की कमी

शरीर के लिए जरुरी मिनरल कैल्शियम की कमी के कई संकेत हो सकते हैं। जैसे कमजोर और भंगुर नाखून, मांसपेशियों में ऐंठन, उंगलियों में सुन्नता या झुनझुनी कमजोर हड्डियां ऑस्टियोपोरोसिस (Sign Of Mineral Deficiency) का कारण बनती हैं। इसके अलावा ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई या याददाश्त संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।

इसे कैसे ठीक करें:

कैल्शियम से भरपूर फ़ूड जैसे डेयरी उत्पाद, पत्तेदार सब्जियाँ, बादाम और गरिष्ठ अनाज का सेवन बढ़ाएं ।
कैल्शियम अवशोषण में सुधार के लिए विटामिन डी से भरपूर फूड्स जैसे मछली, अंडे और सूरज की रोशनी शामिल करें।
डॉक्टर से सलाह लेने के बाद कैल्शियम सप्लीमेंट लेने पर विचार करें।

आयरन की कमी (एनीमिया)

शरीर में आयरन (Sign Of Mineral Deficiency) की कमी से कई परेशानियां हो सकती हैं। इसमें थकान और कमजोरी, पीली त्वचा और भंगुर नाखून, सांस लेने में तकलीफ और चक्कर आना, ठंडे हाथ और पैर और बार-बार सिरदर्द होना।

इसे कैसे ठीक करें:

आयरन युक्त फ़ूड जैसे लाल मांस, पालक, दाल और गरिष्ठ अनाज का सेवन करें।
अवशोषण बढ़ाने के लिए आयरन युक्त फूड्स को विटामिन सी (जैसे खट्टे फल) के साथ मिलाएं।
गंभीर मामलों में, डॉक्टर द्वारा बताई गई आयरन की खुराक लें।

मैग्नीशियम की कमी

मैग्नीशियम की कमी से भी कई परेशानियां हो सकती हैं। इनमे मांसपेशियों में ऐंठन, अनिद्रा या सोने में परेशानी, चिंता, चिड़चिड़ापन और मूड में बदलाव, थकान और कम ऊर्जा स्तर और दिल की अनियमित धड़कन शामिल हैं।

इसे कैसे ठीक करें:

मैग्नीशियम युक्त फ़ूड जैसे नट्स, बीज, साबुत अनाज, डार्क चॉकलेट और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करें।
मैग्नीशियम से भरपूर मिनरल वाटर पियें।
अत्यधिक कैफीन और अल्कोहल से बचें, क्योंकि ये मैग्नीशियम के स्तर को कम कर देते हैं।

पोटेशियम की कमी

शरीर में पोटेशियम की कमी (Sign Of Mineral Deficiency) के कारण कमजोरी और थकान, मांसपेशियों में ऐंठन और मरोड़, अनियमित दिल की धड़कन, कब्ज और सूजन अधिक प्यास लगना और बार-बार पेशाब आना हो सकता है।

इसे कैसे ठीक करें:

केले, संतरे, एवोकाडो, आलू और टमाटर जैसे पोटेशियम युक्त फ़ूड खाएं।
पोटेशियम के स्तर को नियंत्रित करने के लिए हाइड्रेशन बनाए रखें और सोडियम सेवन को संतुलित करें।
गंभीर मामलों में चिकित्सकीय देखरेख में पोटेशियम की खुराक की आवश्यकता हो सकती है।

जिंक की कमी

जिंक की कमी से ख़राब घाव भरना, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण बार-बार संक्रमण होना, बालों का झड़ना और नाखून कमजोर होना, भूख और स्वाद संवेदनशीलता में कमी और मुंहासे या एक्जिमा जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

इसे कैसे ठीक करें:

अपने आहार में जिंक युक्त फ़ूड जैसे सीप, मांस, बीन्स, नट्स और बीज शामिल करें।
अत्यधिक शराब और कैफीन से बचें, जो जिंक अवशोषण में हस्तक्षेप कर सकते हैं।
यदि स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा अनुशंसित किया जाए तो जिंक की खुराक लें।

आयोडीन की कमी

आयोडीन की कमी से गर्दन में सूजन, थकान और वजन बढ़ना, ठंड के प्रति संवेदनशीलता, शुष्क त्वचा और बालों का झड़ना और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई या याददाश्त संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।

इसे कैसे कैसे करें:

आयोडीन युक्त नमक और आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे समुद्री भोजन, समुद्री शैवाल, डेयरी और अंडे का सेवन करें।
यदि आपको थायराइड की समस्या है तो गोइट्रोजेनिक फ़ूड (जैसे कच्ची क्रूसिफेरस सब्जियां) के अधिक सेवन से बचें।

खनिज की कमी को रोकने के लिए टिप्स

संतुलित आहार लें: फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, नट्स, बीज और कम वसा वाले प्रोटीन स्रोतों जैसे संपूर्ण फ़ूड पर ध्यान दें।

प्रोसेस्ड फ़ूड सीमित करें: परिष्कृत और प्रोसेस्ड फ़ूड में अक्सर आवश्यक खनिजों की कमी होती है और समय के साथ इनकी कमी हो सकती है।

हाइड्रेटेड रहें: शरीर को खनिजों को प्रभावी ढंग से अवशोषित करने और परिवहन करने में मदद करने के लिए खूब पानी पियें।

पूरकों पर विचार करें: यदि आहार में परिवर्तन पर्याप्त नहीं है, तो सलाह से परामर्श करने के बाद खनिज पूरक लें।

नियमित रूप से स्वास्थ्य की निगरानी करें: नियमित जांच और रक्त परीक्षण से खनिज की कमी को जल्दी पहचानने में मदद मिल सकती है।

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