Parenting Tips: अभिभावकों की ये बातें बच्चों के कॉन्फिडेंस को कर सकती है कमजोर, जानें कैसे
Parenting Tips: बच्चों के मानसिक से लेकर शारीरिक विकास में माता-पिता (Parenting Tips) की अहम भूमिका मानी जाती है। अभिभावकों को ही बच्चों का पहला शिक्षक माना जाता है। जिनके साथ रहकर वह बोलना, अच्छा व्यवहार और अच्छी आदतों के बारे में सीखता है। वहीं माता-पिता द्वारा सिखाई गई बातों और व्यवहार पर ही बच्चे का आने वाले भविष्य भी टिका होता है। लेकिन कई बार जाने अनजानें में माता-पिता कुछ ऐसी गलतियां कर देते है जो उनके बच्चो के दिमाग पर बुरा या गलत प्रभाव पड़ता है और जिसकी वजह से धीरे- धीरे बच्चा अपना कॉन्फिडेंस खोने लगता है। आज हम आपको अभिभावकों की कुछ ऐसी ही बातों के बारे में बताने जा रहे है। तो आइए जानते है कौनसी है वो बातें और आदतें :-
बच्चों की भावनाओं को इग्नोर करना
कई बार बच्चे अपनी बातों को मनवाने के लिए माता-पिता के सामने जिद्द करने लगते है और उनकी इस आदत को बदलने के लिए कई बार माता-पिता उनकी उन बातों को अनदेखा करना ही सही समझते है। लेकिन कई बार आपकी ये आदत और बच्चों की भावनाओं को इग्नोर करना उनके कॉन्फिडेंस को कमजोर कर सकता है। क्योंकि आपको यहां पर यह बात समझना जरूरी है कि बच्चा जिद्दी तब बनता है जब उन्हें पता होता है कि उसके माता- पिता उसकी बातों पर ध्यान नहीं दे रहे है या फिर उसे अनदेखा कर रहे है। ऐसे में आपको कुछ जगहों पर बच्चे की भावनाओं को समझने और उन्हें सपोर्ट करने की जरूरत हैं।
दूसरों से तुलना
दूसरों बच्चों से खुद की बच्चो की तुलना करने की आदत अधिकतर माता-पिता में देखी जाती हैं। लेकिन आपकी यह आदत आपके ही बच्चे का आत्मविश्वास को धीरे-धीरे खत्म करने का काम करती हैं। क्योंकि हर बच्चे की रूचि और क्षमता अलग-अलग होती है। ऐसे में दूसरे बच्चे से उनकी तुलना करने से उन्हें मानसिक दबाव महसूस होने लगता है और बच्चा माता-पिता से दूरी बनाने लगता है। इसलिए माता-पिता को अपने बच्चे की रूचियों और क्षमताओं के बारे में पता होना चाहिए।
जरूरत से ज्यादा सख्त व्यवहार
कई बार माता पिता बच्चों को अनुशासन में रखने के लिए जरूरत से ज्यादा सख्त व्यवहार करते है। ऐसे में बच्चा अनुशासन में रहना तो सीख जाता है लेकिन उसके मन में डर, गुस्सा, चिड़चिड़ापन बढ़ने के साथ ही आत्मविश्वास में कमी आने लगती है। ऐसी स्थिति में माता-पिता को हर समय सख्त व्यवहार अपनाने से ज्यादा उनके साथ में प्यार और संवेदनशीलता से बात करना चाहिए और गलतियां होने पर उन्हें सजा देने से अच्छा उन्हें उनकी गलतियों के बारे में बताना चाहिए। इसके अलावा उन्हें अपने बच्चे के सपनों को भी सपोर्ट करने के साथ प्रोत्साहित करना चाहिए।
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